संभावना है कि 4 महीने बाद अमेरिका और इजराइल ईरान पर दोबारा हमला कर सकते हैं। कई ऐसे संकेत हैं जो वाशिंगटन से लेकर तेहरान तक देखे जा रहे हैं। इनमें अमेरिकी वायु सेना की तैनाती और तेहरान से राजधानी को स्थानांतरित करने की योजना शामिल है। जून 2025 में, अमेरिका ने ईरान के तीन ठिकानों पर बी-2 बॉम्बर से हमला किया था, लेकिन यह सफल नहीं रहा।
अमेरिका और ईरान के बीच यूरेनियम के मुद्दे पर विवाद है। अमेरिका चाहता है कि ईरान यूरेनियम संवर्धन को रोकने की घोषणा करे। संवर्धित यूरेनियम का उपयोग परमाणु बम बनाने में किया जाता है।
ईरान पर संभावित हमले के 5 संकेत
1. ईरान के विदेश मंत्री यूरोपीय देशों के मंत्रियों के साथ डोनाल्ड ट्रम्प के दूत स्टीव विटकॉफ से मिलना चाहते थे। अराघाची यूरेनियम वार्ता को फिर से शुरू करना चाहते थे, लेकिन विटकॉफ ने मिलने से इनकार कर दिया। विटकॉफ ने कहा कि जब तक ईरान यूरेनियम संवर्धन बंद नहीं करता, कोई बातचीत नहीं होगी। अमेरिका ने ईरान से मिसाइल निर्माण पर भी बात करने की बात कही है, जिससे ईरान हैरान है।
2. अमेरिका ने मध्य पूर्व के बेस की ओर एक दर्जन से अधिक KC-135 स्ट्रैटोटैंकर विमान भेजे हैं। इससे पहले भी ईरान पर हमले से पहले ऐसे विमान भेजे गए थे। इसके बाद अमेरिका ने बी-2 बॉम्बर से हमला किया था।
3. इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि उन्हें पता है कि ईरान ने यूरेनियम कहाँ छिपा रखा है। इससे यह माना जा रहा है कि इजराइल हमले की तैयारी कर रहा है। ईरान के पास 400 किलोग्राम से अधिक संवर्धित यूरेनियम है जिससे 10 परमाणु बम बनाए जा सकते हैं।
4. ईरान के राष्ट्रपति ने सुप्रीम लीडर खामेनेई को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें तेहरान से राजधानी को हटाने की बात कही गई है। राष्ट्रपति ने इसका कारण पानी बताया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह अमेरिका और इजराइल के संभावित हमले के कारण लिया गया फैसला है।
5. मोहम्मद रेजा शाह पहेलवी ने विपक्षी संगठनों को एकजुट किया है। पहेलवी खामेनेई को सत्ता से हटाने की कोशिश कर रहे हैं। ईरान में पहेलवी शासन के खिलाफ इस्लामिक क्रांति हुई थी। अब खामेनेई को हटाने के लिए पहेलवी अमेरिका और पश्चिमी देशों से संपर्क में हैं, और इजराइल भी पहेलवी को सत्ता में लाने की कोशिश कर रहा है।