अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नोबेल पुरस्कार के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं, जिसको लेकर उन्होंने नाटो प्रमुख मार्क रूट के जरिए एक झूठ फैलाया था। अब इस झूठ की पोल खुल गई है। मार्क रूट ने प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन को लेकर एक बयान दिया था।
नाटो प्रमुख मार्क रूट ने दावा किया था कि ट्रंप के टैरिफ के दबाव में आकर प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को फोन करके यूक्रेन में युद्ध रोकने का प्लान पूछा है। दोनों देशों के बीच ट्रंप के टैरिफ को लेकर कई बार बातचीत हुई है। नाटो प्रमुख मार्क रूट ने न्यूयॉर्क में अमेरिकी टीवी चैनल से बातचीत में यह झूठ बोला था।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने नाटो प्रमुख के इस बयान का खंडन किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच फोन पर हुई बातचीत को लेकर नाटो प्रमुख मार्क रूट का बयान गलत है। उनका बयान पूरी तरह गलत और निराधार है। मार्क रूट के बयान में किसी भी तरह की सच्चाई नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के अनुसार, दोनों नेताओं के बीच ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि नाटो प्रमुख मार्क रूट को पीएम मोदी और पुतिन के बारे में इस तरह बात नहीं करनी चाहिए। विदेश मंत्रालय हमेशा से नाटो जैसे संगठन से यह अपेक्षा रखता है कि वे सार्वजनिक बयानों में अधिक जिम्मेदारी बरतेंगे, लेकिन इस बयान से निराशा हुई है। नाटो को ऐसे बयानों से बचना चाहिए।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि ऊर्जा आयात संबंधी फैसले राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिए जाते हैं। प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत के ऊर्जा आयात का मकसद भारतीय उपभोक्ताओं के लिए अनुमानित और किफायती ऊर्जा लागत सुनिश्चित करना है। भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करता रहेगा।