एक 73 वर्षीय सिख महिला, हरजीत कौर, को 33 साल से अधिक समय तक अमेरिका में रहने के बाद निर्वासित कर दिया गया। उन्हें कैलिफोर्निया में एक नियमित आव्रजन जांच के दौरान हिरासत में लिया गया था और उनके परिवार से विदाई लेने का मौका भी नहीं मिला। वकील के अनुसार, हरजीत कौर, अब भारत लौट आई हैं। उनका मामला अमेरिकी इमीग्रेशन व्यवस्था की कठोरता और प्रवासी समुदाय की असुरक्षा को दर्शाता है। हरजीत कौर 1992 में दो बेटों के साथ अमेरिका आईं और कैलिफ़ोर्निया में रहीं। उन्होंने एक भारतीय परिधान स्टोर में काम किया। 2012 से शरण के लिए संघर्ष करने के बावजूद, उन्हें हर छह महीने में आव्रजन कार्यालय में रिपोर्ट करने की अनुमति दी गई थी। उन्हें यह आश्वासन भी दिया गया था कि जब तक उनके यात्रा दस्तावेज तैयार नहीं हो जाते, तब तक वह निगरानी में रह सकती हैं। हालांकि, उन्हें अचानक हिरासत में लिया गया और फिर भारत भेज दिया गया। सिख समुदाय ने हरजीत कौर की गिरफ्तारी और निर्वासन का विरोध किया, इसे अमेरिकी आव्रजन व्यवस्था की कठोरता का एक उदाहरण बताया।
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