अफगानिस्तान में बगराम एयरबेस को लेकर तनाव गहराता जा रहा है। तालिबान ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी कीमत पर अमेरिका को एयरबेस सौंपने के लिए तैयार नहीं है। सूत्रों के अनुसार, अगर अमेरिका एयरबेस पर बलपूर्वक कब्जा करने की कोशिश करता है तो तालिबान फिर से युद्ध शुरू करने को तैयार है।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में कई बार बगराम एयरबेस को रणनीतिक महत्व का बताते हुए चेतावनी दी थी कि अगर तालिबान सहयोग नहीं करता है तो नतीजे गंभीर होंगे।
तालिबान सुप्रीम लीडर हिबतुल्लाह अखुंदजादा के निवास को विशेष सुरक्षा में रखा गया है। उनका आवास, जो ऐनो मीना इलाके में एक स्थानीय व्यापारी के गेस्टहाउस में स्थित है, वहां इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं और फोन तथा अन्य संचार उपकरणों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। उनके आसपास कमांडो तैनात किए गए हैं।
कंधार में हुई उच्चस्तरीय बैठकों में तालिबान के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए, जिनमें रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री, खुफिया एजेंसी के अधिकारी, संचार मंत्री, केंद्रीय बैंक के गवर्नर और चीफ जस्टिस शामिल थे। बैठक में बगराम एयरबेस के हस्तांतरण को नामुमकिन बनाने का फैसला किया गया। यदि अमेरिका हमला करता है, तो तालिबान तुरंत जवाबी कार्रवाई करेगा।
कुछ अधिकारियों ने अखुंदजादा को इस बात से आगाह किया कि 2020 के दोहा समझौते के तहत अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के लिए अफगानिस्तान लौट सकता है। हालांकि, अखुंदजादा ने किसी भी विदेशी सैन्य उपस्थिति को खारिज करते हुए राजनीतिक बातचीत जारी रखने पर जोर दिया।
बगराम एयरबेस अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य अड्डा रहा है और यह 20 साल तक अमेरिकी अभियानों का केंद्र था। अगस्त 2021 में अमेरिकी सेना की वापसी के बाद यह तालिबान के नियंत्रण में आ गया। ट्रम्प इसे चीन और आतंकवाद के खिलाफ एक महत्वपूर्ण रणनीतिक संपत्ति मानते थे। तालिबान ने हाल ही में अमेरिका से 2020 के दोहा समझौते का सम्मान करने और पिछली असफल नीतियों को दोहराने से बचने का आग्रह किया है।