तालिबान सरकार ने चार्ल्स डार्विन के विकासवाद के सिद्धांत को इस्लाम के विरुद्ध मानते हुए विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम से हटाने का निर्णय लिया है। उच्च शिक्षा मंत्री नेदा मोहम्मद नदीम ने कहा कि यह कदम देश की उच्च शिक्षा प्रणाली को इस्लामी बनाने की दिशा में एक प्रयास है। उन्होंने बताया कि पिछली सरकारों के दौरान विश्वविद्यालयों में इस्लामी मूल्यों के विपरीत चीजें पढ़ाई जाती थीं। हेरात शहर में आयोजित एक सम्मेलन में कई देशों के विद्वानों और शोधकर्ताओं ने भाग लिया, जिनमें भारत, उज्बेकिस्तान, ईरान, तुर्की, बांग्लादेश, ब्रिटेन, श्रीलंका और पाकिस्तान शामिल थे। इससे पहले, मंत्रालय ने शरिया सिद्धांतों के अनुसार विश्वविद्यालयों में पढ़ाए जाने वाले विषयों की समीक्षा की थी, जिसके परिणामस्वरूप 18 विषयों को पूरी तरह से हटा दिया गया और 201 विषयों में संशोधन किया गया।
Trending
- अमेरिकी रिपोर्ट: 2026 में भारत-पाकिस्तान, अफगान-पाक में युद्ध की आशंका
- भारत-बांग्लादेश जल संधि: फरक्का समझौते की अहमियत और भविष्य पर बहस
- नए साल का तोहफा: IGL ने PNG ₹0.70/SCM सस्ता किया
- आतंकवाद से भड़केगा भारत-पाकिस्तान युद्ध? 2026 की चिंताजनक भविष्यवाणी
- जेपी जेल से तीन कैदियों का फरार होना, झारखंड में सुरक्षा पर सवाल
- 14,100 लोगों पर आरपीएफ का शिकंजा: रेल सुरक्षा में अभूतपूर्व कार्रवाई
- दिल्ली-NCR कोहरे की चपेट में: उड़ानों और ट्रेनों का संचालन ठप, यात्री परेशान
- ईरान के हथियार निर्यात पर अमेरिका का शिकंजा, वेनेजुएला सहित 10 पर प्रतिबंध
