मध्य पूर्व में, सऊदी अरब एक प्रमुख शक्ति के रूप में उभरा है, जिसकी सफलता कूटनीतिक कौशल पर आधारित है। पिछले कुछ महीनों में, सऊदी अरब ने चतुराई से इज़राइल को रणनीतिक रूप से फंसाया है, जिससे इज़राइल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ गया है। इस बीच, सऊदी अरब ने पाकिस्तान के साथ एक समझौता किया है, जिससे वह खाड़ी क्षेत्र में सबसे सुरक्षित देश बन गया है।
सऊदी अरब, क्षेत्रफल के हिसाब से, मध्य पूर्व का सबसे बड़ा देश है, जिसकी सीमाएँ कई देशों से लगती हैं, जिनमें जॉर्डन, इराक, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, ओमान और यमन शामिल हैं। इसकी समुद्री सीमाएँ लाल सागर और फारस की खाड़ी तक फैली हुई हैं।
इज़राइल द्वारा कतर पर हमले के बाद, सऊदी अरब अपनी सीमाओं की सुरक्षा को लेकर चिंतित हो गया। यद्यपि उसे अमेरिका से सुरक्षा प्राप्त थी, कतर पर हमले ने अमेरिकी नीतियों पर सवाल खड़े कर दिए। इस प्रतिक्रिया में, सऊदी अरब ने पाकिस्तान के साथ एक समझौता किया। इस समझौते के तहत, किसी भी देश पर हमला होने पर, उसे दोनों देशों पर हमला माना जाएगा।
पाकिस्तान एक परमाणु शक्ति संपन्न देश है। इस समझौते के माध्यम से, सऊदी अरब ने अपनी सीमाओं को सुरक्षित किया है। बदले में, सऊदी अरब पाकिस्तान के रेलवे, स्वास्थ्य और ऊर्जा क्षेत्रों में निवेश करेगा। इस समझौते ने खाड़ी क्षेत्र में सऊदी अरब को सबसे सुरक्षित देश बना दिया है। विश्लेषकों का मानना है कि इस समझौते ने ‘ग्रेटर इज़राइल’ की योजनाओं को विफल कर दिया है।
इज़राइल और हमास के बीच संघर्ष में, नेतन्याहू की सेना को शुरू में लाभ मिला, लेकिन सऊदी अरब ने दो-राज्य समाधान का प्रस्ताव रखा। सऊदी अरब ने कहा कि जब तक फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता नहीं दी जाती, तब तक मध्य पूर्व में शांति स्थापित नहीं हो सकती।
फ्रांस, ब्रिटेन, कनाडा, पुर्तगाल और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने सऊदी अरब के इस प्रस्ताव का समर्थन किया है। फिलिस्तीन को लेकर इज़राइल को केवल अमेरिका का समर्थन प्राप्त है। ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देशों के रुख को इज़राइल के लिए एक कूटनीतिक हार के रूप में देखा जा रहा है।
यदि फिलिस्तीन एक स्वतंत्र देश बनता है, तो आने वाले वर्षों में इज़राइल कमजोर हो सकता है, क्योंकि फिलिस्तीन की अपनी सेना होगी और उसे हथियार रखने की अनुमति होगी। सऊदी अरब ने ईरान के साथ भी संबंध स्थापित किए हैं, जिससे मध्य पूर्व में एक नया शक्ति संतुलन बन रहा है।