ट्रंप प्रशासन पाकिस्तान के रक्षा बजट पर संसदीय या नागरिक निगरानी चाहता है। अमेरिका ने इस्लामाबाद के सैन्य और खुफिया बजट पर जवाबदेही की मांग की है। अमेरिकी विदेश विभाग ने शुक्रवार, 19 सितंबर को जारी अपनी 2025 की वित्तीय पारदर्शिता रिपोर्ट में यह सिफारिश शामिल की।
यह वार्षिक रिपोर्ट सरकारों में वित्तीय पारदर्शिता की समीक्षा करती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अमेरिकी करदाताओं के पैसे का उचित उपयोग हो रहा है। रिपोर्ट में पाकिस्तान खंड में कहा गया है कि सैन्य और खुफिया बजट पर्याप्त संसदीय या नागरिक सार्वजनिक निगरानी के अधीन नहीं थे। इसमें कहा गया है कि इस्लामाबाद रक्षा बजट को सार्वजनिक निगरानी में ला सकता है।
रिपोर्ट में पाक के कार्यकारी बजट को समय पर प्रकाशित करने का भी आग्रह किया गया है, जिससे जांच और जानकारीपूर्ण बहस हो सकेगी। मूल्यांकन में कहा गया है कि सरकार ने उचित समय के भीतर अपने कार्यकारी बजट प्रस्ताव को प्रकाशित नहीं किया।
रिपोर्ट में राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों सहित सरकार के ऋण दायित्वों पर व्यापक डेटा का खुलासा करने की सिफारिश की गई है। वित्तीय पारदर्शिता रिपोर्ट ने कमियों का आकलन करने के अलावा, पाकिस्तान की ऑडिट संस्था की स्वतंत्रता सहित अन्य क्षेत्रों में हुई प्रगति पर भी प्रकाश डाला।
यह रिपोर्ट पाकिस्तान के बढ़ते बजटीय दबाव का सामना करने के समय आई है। सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 17.57 ट्रिलियन रुपये का बजट पेश किया है। इसमें से 9.7 ट्रिलियन रुपये ऋण चुकाने के लिए और 2.55 ट्रिलियन रुपये रक्षा के लिए आवंटित किए गए हैं, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि है।