अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा लागू किए गए नए नियमों के अनुसार, एच-1बी वीजा पर 100,000 डॉलर का शुल्क आज से लागू हो गया है। इसके मद्देनज़र, अमेरिका में भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों के लिए एक आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। इस कदम से भारतीय तकनीकी पेशेवरों और उनके देश में भेजी जाने वाली रकम पर असर पड़ने की आशंका है, क्योंकि ज़्यादातर एच-1बी वीजा भारतीयों को ही मिलते हैं। हालांकि, अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (USCIS) ने स्पष्ट किया है कि यह शुल्क केवल नए एच-1बी आवेदकों पर लागू होगा, पुराने आवेदकों पर नहीं।
भारतीय दूतावास ने आपातकालीन सहायता के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। दूतावास ने सोशल मीडिया पर कहा कि आपात स्थिति में भारतीय नागरिक +1-202-550-9931 (और व्हाट्सएप) पर संपर्क कर सकते हैं। यह नंबर सिर्फ़ आपातकालीन सहायता के लिए है, सामान्य सवालों के लिए नहीं।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि यह 100,000 डॉलर का शुल्क एक बार ही देना होगा, हर साल नहीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह केवल नए वीजा पर लागू होगा, पुराने या रिन्यूअल पर नहीं।
लेविट ने यह भी साफ किया कि जो एच-1बी धारक अभी देश के बाहर हैं, उन्हें दोबारा आने पर यह शुल्क नहीं देना होगा। एच-1बी धारक पहले की तरह ही देश में आ-जा सकते हैं, इस नए नियम से उन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
शनिवार को, विदेश मंत्रालय (MEA) ने भी एच-1बी वीजा पर लागू होने वाले नए नियम पर बयान जारी किया। मंत्रालय ने कहा कि सरकार इस नियम के सभी प्रभावों का अध्ययन कर रही है। मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने इस बारे में रिपोर्ट देखी हैं और भारतीय उद्योग सहित सभी संबंधित लोग इस पर विचार कर रहे हैं।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि इस नियम से परिवारों को परेशानी हो सकती है, और सरकार को उम्मीद है कि अमेरिकी अधिकारी इसका समाधान करेंगे।