डोनाल्ड ट्रंप अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस को वापस लेने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने तालिबान को एक प्रस्ताव दिया, जिसे खारिज कर दिया गया। तालिबान ने 2021 में अमेरिकी सेना को बाहर निकाल दिया था। ट्रंप अब अफगानिस्तान में सेना भेजना चाहते हैं और उन्होंने चीन और तालिबान से एयरबेस पर नियंत्रण की बात की। तालिबान ने इसका विरोध किया और चीन ने भी निंदा की। बगराम एयरबेस काबुल के पास, परवान प्रांत में स्थित है और दुनिया के सबसे बड़े सैन्य अड्डों में से एक है। इसे 1950 के दशक में सोवियत संघ ने बनाया था। 1980 के दशक में यह सोवियत सेना का केंद्र था और 2001 में अमेरिकी सेना ने इस पर कब्जा कर लिया। यहां 30,000 से अधिक अमेरिकी सैनिक तैनात थे। एयरबेस में बड़े रनवे हैं जो बड़े विमानों को संभाल सकते हैं, साथ ही विमानों के लिए आश्रय, ईंधन डिपो, अस्पताल और खुफिया केंद्र भी हैं। यह बेस दक्षिण एशिया, मध्य एशिया और पश्चिम एशिया के बीच स्थित है, जो चीन के शिनजियांग प्रांत और रूस की सीमाओं के करीब है। यह अमेरिका को चीन और ईरान पर नजर रखने में मदद कर सकता है। इसका उपयोग आतंकवाद विरोधी अभियानों, ड्रोन हमलों और खुफिया जानकारी जुटाने के लिए किया जाता है। 2021 में अमेरिकी वापसी के बाद से यह तालिबान के नियंत्रण में है।
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