ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमलों के बाद, पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार ने भारत के साथ संबंधों पर अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ बातचीत करना चाहता है, लेकिन भारत की तरफ से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है।
इशाक डार ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि भारत ने कभी भी किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया। उन्होंने बताया कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी इस तरह की मध्यस्थता से इनकार किया था। यह बयान पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उन दावों का खंडन करता है जिनमें उन्होंने कई बार मध्यस्थता की बात कही थी।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान भारत के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है। बातचीत का तरीका भारत की इच्छा के अनुसार होगा, लेकिन पाकिस्तान इसके लिए किसी से गुहार नहीं लगाएगा। उनका कहना था कि बातचीत से ही समस्याओं का समाधान संभव है। उन्होंने पाकिस्तान को एक शांतिप्रिय देश बताते हुए कहा कि अगर भारत बातचीत नहीं करना चाहता है, तो पाकिस्तान उन पर दबाव नहीं डालेगा।
गौरतलब है कि 10 मई को संघर्ष विराम के बाद, ट्रंप ने 30 से अधिक बार यह दावा किया था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर दोनों देश संघर्ष को रोकते हैं तो अमेरिका उनके साथ व्यापार बढ़ाएगा।
हालांकि, भारत ने हमेशा ट्रंप के इन दावों को खारिज किया है और कहा है कि संघर्ष विराम का फैसला दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच सीधी बातचीत का नतीजा था। अब, पाकिस्तानी विदेश मंत्री के बयान ने भी ट्रंप के दावों को खारिज कर दिया है।