अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के करीबी सहयोगी और रूढ़िवादी नेता चार्ली किर्क की हत्या के आरोपी टायलर रॉबिन्सन से संबंधित एक नया खुलासा हुआ है। फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) के डायरेक्टर काश पटेल ने कहा कि रॉबिन्सन ने हत्या से पहले एक धमकी भरा नोट लिखा था और बाद में एक टेक्स्ट संदेश भेजा था। दोनों संदेशों में, उसने किर्क की हत्या करने की अपनी योजना का खुलासा किया था।
रॉबिन्सन ने नोट में लिखा था कि उसके पास चार्ली किर्क को खत्म करने का मौका है और वह ऐसा करेगा। हालांकि, नोट नष्ट हो चुका है, लेकिन जांच में इसके अस्तित्व के फोरेंसिक सबूत मिले हैं। कुछ गवाहों ने भी नोट के बारे में जानकारी दी है। किर्क की हत्या 10 सितंबर को यूटा वैली यूनिवर्सिटी (यूवीयू) में गोली मारकर की गई थी।
वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, रॉबिन्सन ने गिरफ्तारी से 2 घंटे पहले डिस्कॉर्ड नामक एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अपने दोस्तों को एक संदेश भेजा था। इसमें उसने लिखा था, ‘दोस्तों, मेरे पास आप सभी के लिए बुरी खबर है। मैं कल यूवीयू (यूटा वैली यूनिवर्सिटी) में था। मुझे इस सब के लिए दुख है।’ यह संदेश गुरुवार रात को उसकी गिरफ्तारी से दो घंटे पहले भेजा गया था। चैट के दो गवाहों ने बताया कि रॉबिन्सन ने संदेश में अपना अपराध स्वीकार किया था।
रॉबिन्सन वर्तमान में यूटा की एक जेल में बंद है। उस पर जल्द ही आरोप तय किए जाएंगे। पुलिस ने कहा कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। एफबीआई निदेशक पटेल ने आगे बताया कि रॉबिन्सन का डीएनए उस राइफल पर लिपटे एक तौलिये पर मिला था, जिसका इस्तेमाल गोलीबारी में किया गया था। उसका डीएनए उस छत पर मिले एक पेचकस से भी मिला, जहां से किर्क पर फायरिंग हुई थी।
चार्ली किर्क छात्र संगठन टर्निंग प्वाइंट यूएसए के सह-संस्थापक थे। बीते बुधवार को यूटा वैली यूनिवर्सिटी (ओरेम शहर) में एक कार्यक्रम के दौरान उनकी हत्या कर दी गई थी। उन्हें एक राइफल से गोली मारी गई थी। जांच टीम का मानना है कि रॉबिन्सन ने अकेले ही हमला किया, लेकिन वे यह भी जांच कर रहे हैं कि क्या इसमें किसी और की भी कोई भूमिका थी। हत्या के पीछे का असली कारण अभी तक सामने नहीं आया है।
इस हत्या के बाद राजनीतिक बहस तेज हो गई है। ट्रम्प और कुछ रिपब्लिकन नेताओं ने बिना किसी ठोस सबूत के इस हत्या का दोष लिबरल्स पर डाल दिया है। दूसरी ओर, डेमोक्रेट नेताओं ने कहा है कि हाल के वर्षों में वामपंथी नेता भी राजनीतिक हिंसा का शिकार हुए हैं।
सरकारी दस्तावेजों के अनुसार, रॉबिन्सन किसी राजनीतिक दल से जुड़ा नहीं था और उसने 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में वोट भी नहीं डाला था। हालांकि, एक रिश्तेदार ने पुलिस को बताया कि वह हाल ही में राजनीतिक मुद्दों में दिलचस्पी लेने लगा था और उसने चार्ली किर्क के बारे में अपनी नाराजगी व्यक्त की थी।