भारत के तीन पड़ोसी देशों में, अंतरिम सरकार बनने के बाद चुनावी कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण अंतर देखा गया है। नेपाल में, अंतरिम सरकार के गठन के तुरंत बाद चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी गई। इसके विपरीत, बांग्लादेश में ऐसा नहीं हो पाया। नेपाल में राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने अंतरिम सरकार के गठन के अगले ही दिन 5 मार्च 2026 को चुनाव कराने की घोषणा की। श्रीलंका में भी, गोटाबाया राजपक्षे की सरकार के गिरने के बाद दो साल में चुनाव हुए और अनुरा दिसानायके राष्ट्रपति बने।
दूसरी ओर, बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार एक साल बाद भी चुनावी तारीखों को लेकर संघर्ष कर रही है। 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना के इस्तीफे के बाद, 7 अगस्त को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने मुहम्मद यूनुस को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का मुख्य सलाहकार नियुक्त किया, लेकिन अभी तक चुनाव नहीं हो पाए हैं।
श्रीलंका में 14 जुलाई 2022 को गोटाबाया राजपक्षे ने इस्तीफा दिया, जिसके बाद रानिल विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति चुना गया और 21 सितंबर 2024 को अनुरा कुमार दिसानायके राष्ट्रपति चुनाव जीते।
नेपाल में, केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद, सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया और 5 मार्च 2026 को चुनाव कराने का निर्णय लिया गया। नेपाल में मजबूत लोकतांत्रिक संस्थाओं और राजनीतिक दलों की सक्रियता के कारण चुनाव प्रक्रिया को तेजी से शुरू किया जा सका।
बांग्लादेश में स्थिति जटिल है, जहां यूनुस सरकार चुनावी तारीखों को लेकर अनिश्चित है। राजनीतिक दलों के बीच असहमति और संस्थागत सुधारों की मांग के कारण चुनाव में देरी हो रही है। यूनुस सरकार का कहना है कि चुनाव से पहले संविधान, न्यायपालिका और चुनावी व्यवस्था में सुधार आवश्यक हैं, जिसके लिए कई आयोग बनाए गए हैं।