एक भारतीय महिला को अमेरिका के एक टारगेट स्टोर में चोरी करते हुए रंगे हाथों पकड़े जाने का मामला इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। यह घटना जनवरी में हुई थी, लेकिन इसका वीडियो अब फिर से चर्चा में है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महिला ने खुद स्वीकार किया कि उसने लगभग ₹1 लाख का सामान चुराया था। करीब 10 मिनट के इस वीडियो में, महिला पुलिस पूछताछ के दौरान बेहद घबराई हुई नजर आ रही है – वह लगातार रो रही थी, हांफ रही थी और उसका दम घुट रहा था। जानकारी के मुताबिक, वह एक घंटे से ज्यादा समय तक हांफती रही, जिस पर पुलिस ने उससे मेडिकल हेल्प की जरूरत के बारे में पूछा।
वीडियो में, महिला ने बताया कि वह भारत से है और उसकी मातृभाषा गुजराती है। खबरों में यह भी सामने आया है कि उसने उस टारगेट स्टोर में पहले भी कई बार चोरी की थी, लेकिन अब तक पकड़ी नहीं गई थी। इस बार वह ₹1 लाख से ज्यादा के सामान के साथ पकड़ी गई। पूछताछ में उसने बताया कि उसका इरादा इन सामानों को आगे बेचने का था।
हालांकि, मामले की गंभीरता के बावजूद, पुलिस ने उसके खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं किया और सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया।
इस मामले पर इंटरनेट पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया है। एक यूजर ने लिखा, ‘वहां दुकानदारी वास्तव में कोई बड़ी समस्या नहीं है, 25% अमेरिकियों ने इसे अपने जीवन में कम से कम एक बार किया है। और पुलिस तब तक एक्शन नहीं लेती जब तक सामान $800-900 का न हो। शायद उसने इस लिमिट को पार कर लिया हो… बस इतना ही।’
जबकि एक अन्य यूजर ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि क्यों अपराधियों को एक देश की पहचान से जोड़ा जा रहा है, सिवाय भारतीयों के कोई ऐसा नहीं करता। भारतीयों की छवि को भारतीयों से ज्यादा कोई खराब नहीं करता और दुकानदारी तो इतना बड़ा अपराध भी नहीं है जिसके लिए बेचारी महिला को शेयर किया जा रहा है।’
यह वीडियो सोशल मीडिया पर लगातार फैल रहा है और लोगों के बीच इस पर काफी बहस चल रही है।