अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में टेक जगत के दिग्गजों के साथ डिनर पार्टी में मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग के अमेरिकी राजनीति में संभावित प्रवेश का संकेत दिया। बैठक के दौरान, जुकरबर्ग को ब्रिटेन में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर एक सवाल का सामना करना पड़ा, जिससे वह असहज महसूस कर रहे थे। ट्रंप ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत है और उन्हें धीरे-धीरे बोलने में महारत हासिल हो जाएगी। एलन मस्क के बाद, जुकरबर्ग संभवतः राजनीति में प्रवेश करने वाले एक और टेक दिग्गज होंगे। बैठक के बाद जुकरबर्ग ने ट्रंप से कहा कि उन्हें इस तरह के सवालों की उम्मीद नहीं थी। बता दें कि जुकरबर्ग का जन्म पेंस, न्यूयॉर्क में हुआ था। अमेरिका में टेक जगत के दिग्गजों का राजनीति में आना कोई नई बात नहीं है। विवेक रामास्वामी, जो पहले बायोटेक फर्म रोइवेंट साइंसेज के सीईओ थे, 2024 में रिपब्लिकन पार्टी के माध्यम से राजनीति में आए। इसी तरह, एथन अग्रवाल, जो डिजिटल फिटनेस ऐप आप्टिव से जुड़े हैं, और स्कॉट कुपोर, जो वेंचर कैपिटल फर्म आंद्रेसन होरोविट्ज से हैं, भी राजनीति में प्रवेश कर चुके हैं। टेस्ला के एलन मस्क पहले ही ट्रंप प्रशासन का हिस्सा रह चुके हैं। डिनर मीटिंग में जुकरबर्ग ट्रंप के बगल में बैठे थे और उन्होंने ट्रंप को डिनर पर आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद दिया। जुकरबर्ग ने यह भी घोषणा की कि मेटा 2028 तक यहां 600 बिलियन डॉलर का निवेश करेगा। बैठक में कई टेक दिग्गजों ने ट्रंप की प्रशंसा की, जिसमें सैम ऑल्टमैन भी शामिल थे, जिन्होंने कहा कि यह उनके बिना संभव नहीं था। बैठक में ट्रंप के पूर्व सहयोगी एलन मस्क मौजूद नहीं थे, हालांकि उन्हें आमंत्रित किया गया था लेकिन उन्होंने अपना एक प्रतिनिधि भेजा। ट्रंप ने डिनर मीटिंग को एआई के युग में टेक कंपनियों के कामकाज पर केंद्रित एक सफल बैठक बताया।
Trending
- शहीद वीर नारायण सिंह का बलिदान, आत्मगौरव, संघर्ष और स्वाभिमान का प्रतीक – मुख्यमंत्री श्री साय
- छत्तीसगढ़ में स्टार्टअप संस्कृति को नई उड़ान: टेकस्टार्स स्टार्टअप वीकेंड का सफल आयोजन, युवाओं को मिला वैश्विक मंच
- मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने जयस्तंभ चौक में शहीद वीर नारायण सिंह के त्याग और संघर्ष का स्मरण
- पाकिस्तान का खुला खेल: हाफिज के गुर्गे भारत को धमका रहे, सेना प्रमुख मूकदर्शक?
- मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना
- मंत्रिपरिषद के निर्णय
- इमरान की बहनें हिरासत में, पीटीआई पर बैन: मुनीर का क्रूर शासन
- 27% OBC आरक्षण की मांग: हज़ारीबाग से रांची तक कुशवाहा समाज का हुजूम
