अफगानिस्तान में आए भूकंप के बाद, तालिबान ने इस त्रासदी पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। तालिबान के हज और धार्मिक मामलों के मंत्रालय ने भूकंप को ‘खुदा का अज़ाब’ बताते हुए मस्जिद के इमामों से शुक्रवार की नमाज़ में लोगों से प्रार्थना करने, माफी मांगने और आपदा से बचाव की दुआ करने का आग्रह किया है। मंत्रालय ने लोगों से भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए दान देने और बारिश के लिए दुआ करने का भी आह्वान किया। तालिबान ने इस आपदा को भविष्य के लिए एक चेतावनी के रूप में देखा, यह बताते हुए कि जिन राष्ट्रों ने अतीत में ईश्वर की आज्ञाओं का उल्लंघन किया था, वे भूकंपों से नष्ट हो गए थे। तालिबान ने लोगों से इस मुश्किल घड़ी में एक-दूसरे का साथ देने, पीड़ितों की मदद करने और धैर्य रखने का आग्रह किया। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, भूकंप पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों की गति का परिणाम है। कुनार में आए भूकंप में 1,457 लोगों की दुखद मौत हुई, 3,000 से अधिक घायल हुए, और हज़ारों घर नष्ट हो गए। कई अंतर्राष्ट्रीय संगठन और देश अफगानिस्तान की सहायता के लिए आगे आए हैं, जिसमें संयुक्त राष्ट्र भी शामिल है।
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