पाकिस्तान में सेना प्रमुख आसिम मुनीर के बढ़ते राजनीतिक प्रभाव को लेकर देश के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ कथित तौर पर असहज महसूस कर रहे हैं। हाल ही में, आसिफ ने सरकार और प्रमुख राजनेताओं के खिलाफ तीन विवादास्पद बयान दिए हैं, जिससे राजनीतिक हलकों में खलबली मच गई है। आसिफ के निशाने पर पाकिस्तान सरकार के अधिकारी और पीएमएल-एन के प्रमुख नेता हैं।
गुरुवार को ख्वाजा आसिफ के विवादित बयानों का सिलसिला जारी रहा, जिसने एक नया मोड़ ले लिया। पाकिस्तान के रेल मंत्री हनीफ अब्बासी ने नेशनल असेंबली में ख्वाजा से इस्तीफे की मांग की। अब्बासी का कहना था कि सरकार के खिलाफ बयान देने की बजाय उन्हें पद छोड़ देना चाहिए।
ख्वाजा आसिफ, पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के एक वरिष्ठ नेता हैं, जो लगभग 40 वर्षों तक सत्ता में शीर्ष पर रहे हैं। शहबाज शरीफ की सरकार बनने पर ख्वाजा को रक्षा विभाग का प्रमुख बनाया गया था, लेकिन अब उन्हें दरकिनार कर दिया गया है। ख्वाजा की जगह अब प्रधानमंत्री के साथ विदेश यात्राओं पर सीधे सेना प्रमुख जाते हैं।
ख्वाजा आसिफ के तीन मुख्य बयान:
1. ख्वाजा आसिफ ने बाढ़ के लिए भ्रष्ट व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के ठेकेदारों ने सरकार के साथ मिलकर पहाड़ों पर अतिक्रमण किया है, जिससे बाढ़ का पानी कहीं नहीं जा पा रहा है। उन्होंने उन नेताओं की भी आलोचना की, जो बाढ़ के लिए भारत को दोषी ठहरा रहे थे। आसिफ ने कहा कि पानी को कोई नहीं रोक सकता, इसमें भारत का कोई दोष नहीं है, बल्कि पाकिस्तान का बुनियादी ढांचा कमजोर है।
2. ख्वाजा आसिफ ने पाकिस्तान की नौकरशाही पर भी तीखी टिप्पणी की। उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी अधिकारी यहां से पैसा लूटकर पुर्तगाल में घर बनाते हैं। इस पर नेशनल असेंबली ने जांच के लिए एक समिति बनाई है। आसिफ ने भ्रष्टाचार के लिए सिस्टम को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि पाकिस्तान में एक ऐसी व्यवस्था विकसित की गई है जिससे भ्रष्टाचार को रोका नहीं जा सकता।
3. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने एक बयान में मरियम नवाज पर भी निशाना साधा। आसिफ ने कहा कि राज्य सरकारें काम नहीं कर पा रही हैं। वह पंजाब में बाढ़ की स्थिति पर टिप्पणी कर रहे थे। एक इंटरव्यू में, आसिफ ने बाढ़ को अल्लाह का इनाम बताया और लोगों से बाढ़ के पानी को जमा करने को कहा।