भारत में जहां बाढ़ का कहर जारी है, वहीं अमेज़ॅन के जंगलों में बारिश कम होने से सूखे की स्थिति चिंता का विषय बन गई है। हालिया शोध से पता चला है कि दुनिया के सबसे बड़े वर्षावन, अमेज़ॅन में बारिश कम होने का मुख्य कारण पेड़ों की कटाई है। 1985 से 2020 के बीच सूखे के मौसम में बारिश में 21 मिलीमीटर की गिरावट दर्ज की गई, जिसमें पेड़ों की कटाई का बड़ा योगदान रहा।
ब्राजील की साओ पाउलो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 35 वर्षों के आंकड़ों का अध्ययन किया और पाया कि पेड़ों की कटाई से सूखे मौसम में तापमान भी बढ़ा है। शोध के अनुसार, पेड़ों की कटाई के कारण बारिश में आई कमी का लगभग 74.5% हिस्सा जिम्मेदार है। जबकि ग्लोबल वार्मिंग का योगदान कम है।
अमेज़ॅन के जंगल जलवायु के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो वाष्पोत्सर्जन के माध्यम से हवा में नमी छोड़ते हैं। लेकिन, पेड़ों की कटाई से यह चक्र बाधित होता है, जिससे बारिश कम होती है। शोध में चेतावनी दी गई है कि यदि पेड़ों की कटाई जारी रही, तो 2035 तक सूखे मौसम में बारिश और 7 मिमी कम हो सकती है और तापमान 0.6 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है।
अमेज़ॅन में 2023 और 2024 में रिकॉर्ड सूखा पड़ा, जिससे नदी यातायात और हाइड्रोपावर प्रभावित हुए। जलवायु परिवर्तन के कारण कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन की मात्रा में वृद्धि हुई है, लेकिन पेड़ों की कटाई का प्रभाव स्थानीय स्तर पर तुरंत दिखाई देता है। 2024 में पेड़ों की कटाई में गिरावट आई, लेकिन आग ने भारी मात्रा में जंगल को जला दिया।