बीजिंग में 80वीं विजय दिवस परेड में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन पहली बार एक साथ मंच पर नजर आए। शी जिनपिंग ने सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया।
परेड के बाद पुतिन और किम के बीच एक घंटे से अधिक समय तक चली द्विपक्षीय बैठक हुई।
पुतिन ने किम को रूस आने का न्योता दिया और दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर सहमति जताई। रूसी मीडिया के अनुसार, दोनों नेताओं ने बंद कमरे में एक घंटे तक गोपनीय बातचीत की।
किम जोंग उन ने रूस के प्रति समर्थन दोहराया और कहा कि उत्तर कोरिया रूस की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है। पुतिन ने कहा कि दोनों देशों के संबंध एक ‘सच्चे गठबंधन’ में बदल गए हैं और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान कुर्स्क क्षेत्र की रक्षा में उत्तर कोरियाई सैनिकों के बलिदान को याद किया।
दक्षिण कोरिया के अनुसार, उत्तर कोरिया ने यूक्रेन में युद्ध में लड़ने के लिए रूस को लगभग 15,000 सैनिक भेजे हैं, साथ ही मिसाइलें और अन्य हथियार भी भेजे हैं। बदले में, उत्तर कोरिया को रूस से खाद्य आपूर्ति, धन और तकनीकी सहायता मिलती है। पश्चिमी देशों का कहना है कि यूक्रेन में लड़ रहे लगभग 1,000 उत्तर कोरियाई सैनिक मारे गए हैं और कुल हताहतों की संख्या 4,700 से अधिक है।
पुतिन, किम और शी जिनपिंग के बीच घनिष्ठता से पश्चिमी देशों में चिंता बढ़ गई है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने तीनों नेताओं पर अमेरिका के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया, जिसका क्रेमलिन ने खंडन किया।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस साझेदारी का यूक्रेन युद्ध पर असर पड़ेगा और पश्चिमी देशों के लिए चुनौतियां बढ़ सकती हैं।