भारत और जर्मनी के बीच द्विपक्षीय संबंध और मजबूत हो रहे हैं। दिल्ली में आयोजित एक बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान डेविड वेडफुल ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। दोनों देशों ने रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने और वैश्विक चुनौतियों से मिलकर निपटने पर सहमति जताई।
यह दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि जर्मन विदेश मंत्री पहली बार भारत आए हैं और यह उनकी यूरोप के बाहर पहली यात्राओं में से एक है। उन्होंने बेंगलुरु में भारत की तकनीकी और नवाचार क्षमता को देखा और एक मजबूत व्यापारिक दल के साथ आए।
बैठक में दोनों नेताओं ने आगामी अंतर-सरकारी परामर्श की तैयारियों पर चर्चा की। भारत ने जर्मनी से यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत में तेजी लाने में मदद करने का अनुरोध किया। इसके अलावा, इंडो-पैसिफिक, यूक्रेन युद्ध और पश्चिम एशिया जैसे वैश्विक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श हुआ।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत और जर्मनी 25 वर्षों से रणनीतिक साझेदार हैं, 50 वर्षों से वैज्ञानिक सहयोग कर रहे हैं, 60 वर्षों से सांस्कृतिक समझौते हैं और एक सदी से भी अधिक समय से व्यापारिक संबंध हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भविष्य में यह सहयोग और बढ़ेगा।
जर्मनी, यूरोप में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। 2024-25 में दोनों देशों के बीच व्यापार लगभग 26 अरब डॉलर का रहा। दोनों देश विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक-दूसरे का समर्थन करते रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जर्मन विदेश मंत्री की यात्रा भारत-जर्मनी संबंधों को नई दिशा देगी और FTA पर प्रगति में मदद करेगी।