अफगानिस्तान के जलालाबाद में रविवार रात आए शक्तिशाली भूकंप ने भारी तबाही मचाई है, जिसमें 800 से अधिक लोगों की जान चली गई और 2,500 से अधिक घायल हुए हैं। अस्पतालों में डॉक्टरों और आवश्यक सुविधाओं की कमी के कारण स्थिति और भी गंभीर हो गई है। तालिबान प्रशासन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पीड़ितों की सहायता के लिए तत्काल मदद की अपील की है।
कुनार प्रांत भूकंप से सबसे बुरी तरह प्रभावित हुआ है। स्थानीय लोगों ने विनाशकारी मंजर का वर्णन करते हुए बताया कि कैसे भूकंप के झटकों ने उनके घरों को तबाह कर दिया, जिससे वे मलबे में फंस गए। एक व्यक्ति ने बताया कि वह अपने परिवार के सदस्यों को बचाने में नाकाम रहा, और उनकी पत्नी और दो बेटों की मौत हो गई।
एक अन्य पीड़ित ने बताया कि पूरा इलाका दहशत में है, और उन्हें डर है कि दूसरा भूकंप कभी भी आ सकता है। घायलों को निकालने और शवों को ढूंढने के लिए एम्बुलेंस और डॉक्टरों की तत्काल आवश्यकता है। नांगरहार अस्पताल में बड़ी संख्या में घायल लोगों का इलाज चल रहा है, लेकिन संसाधनों की भारी कमी है।
कई देशों और संगठनों ने अफगानिस्तान को सहायता प्रदान करने की पेशकश की है। ब्रिटेन, चीन, भारत, संयुक्त राष्ट्र, पाकिस्तान, स्विट्जरलैंड और संयुक्त अरब अमीरात ने मानवीय सहायता, चिकित्सा आपूर्ति और राहत सामग्री भेजने का वादा किया है। भारत ने काबुल में टेंट और कुनार में खाद्य सामग्री भेजी है, जबकि अन्य देश भी सहायता देने के लिए तैयार हैं।
भूकंप से पाकिस्तान से हाल ही में निकाले गए अफगान परिवार भी प्रभावित हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान ने इस साल लाखों अफगानों को वापस भेजा है।