प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन में 2 दिवसीय एस सी ओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पहुंचे हैं, जिसमें 20 से अधिक देशों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं. इस दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की और सोमवार को रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मिलने की योजना है. यह मुलाकात 7 साल बाद हो रही है, जिस पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. दुनिया भर की नजरें भारत और चीन के संबंधों पर हैं, विशेष रूप से अमेरिकी टैरिफ के बीच में.
तियानजिन में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक शुरू हो गई है, जो लगभग 40 मिनट तक चलने वाली है. इस बैठक में विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत होने की संभावना है.
प्रधानमंत्री मोदी 7 साल बाद चीन पहुंचे हैं. जून 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद भारत और चीन के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए थे. हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं, और इस यात्रा का उद्देश्य सीमा विवाद को कम करना भी है.
चीन में प्रधानमंत्री मोदी का जोरदार स्वागत किया गया, जिसमें रेड कारपेट बिछाया गया और पारंपरिक नृत्य के साथ उनका अभिनंदन किया गया. अमेरिका ने भारत पर 50%, चीन पर 30% और कजाकिस्तान सहित अन्य एस सी ओ देशों पर उच्च टैरिफ लगाए हैं. इसलिए, इस एस सी ओ बैठक में टैरिफ से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है.
चीन के तियानजिन शहर में पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता होने वाली है. इस एस सी ओ शिखर सम्मेलन में भारत, रूस और चीन सहित 20 से अधिक देशों के नेता भाग ले रहे हैं. अमेरिका के टैरिफ के बीच यह मुलाकात महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
बैठक में सीमा पर शांति, यूक्रेन युद्ध और नए आर्थिक समीकरणों पर चर्चा होने की संभावना है. इसके अतिरिक्त, चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध हटाने पर भी बातचीत हो सकती है. मोदी-जिनपिंग मुलाकात का एजेंडा एस सी ओ में एकता बढ़ाना, क्षेत्रीय शांति और विकास पर ध्यान केंद्रित करना और 10 साल के विकास एजेंडे पर चर्चा करना है।