अमेरिका और वेनेजुएला के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है, क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने ड्रग्स नियंत्रण के बहाने वेनेजुएला पर दबाव बढ़ा दिया है। अमेरिका ने वेनेजुएला की सीमाओं के पास युद्धपोत भेजे हैं, जिससे दोनों देशों के बीच टकराव का खतरा बढ़ गया है। वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने अमेरिका को जवाब देने के लिए कई रणनीतिक कदम उठाए हैं।
**वेनेजुएला की रणनीति**
1. **अंतर्राष्ट्रीय समर्थन जुटाना:** वेनेजुएला उन देशों से समर्थन मांग रहा है जो अमेरिका के विरोधी हैं। चीन ने वेनेजुएला का समर्थन किया है और अमेरिकी कार्रवाई की निंदा की है। ईरान के साथ भी सहयोग बढ़ रहा है, दोनों देश अमेरिकी दबाव का विरोध करने पर सहमत हुए हैं। वेनेजुएला ब्राजील और रूस जैसे देशों को भी अपने पक्ष में लाने की कोशिश कर रहा है।
2. **सैन्य तैयारियां:** वेनेजुएला ने अपनी सीमा पर 15,000 सैनिक तैनात किए हैं, खासकर कोलंबिया सीमा के पास। अमेरिका ने भी वहां 4,000 मरीन गार्ड्स और युद्धपोत भेजे हैं। ऐसी रिपोर्टें हैं कि रूस वेनेजुएला को ईरान से ड्रोन प्रदान करेगा, जिससे वह अमेरिकी जहाजों पर हमला कर सकता है।
3. **अमेरिकी प्रभाव को चुनौती देना:** राष्ट्रपति मादुरो ने अमेरिका पर दुनिया में अपने घटते प्रभाव को बनाए रखने के लिए वेनेजुएला को निशाना बनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने मिलिशिया को सक्रिय करने की बात कही है, जो ड्रग्स कार्टेल से जुड़े होने के कारण खतरनाक माने जाते हैं।
**विवाद की जड़ें**
अगस्त 2025 में, अमेरिका ने राष्ट्रपति मादुरो पर 50 मिलियन डॉलर का इनाम रखा, आरोप लगाया कि वेनेजुएला ड्रग्स की तस्करी में शामिल है। व्हाइट हाउस ने मादुरो को ड्रग्स कार्टेल का प्रमुख बताया। मीडिया में ऐसी रिपोर्टें आई हैं कि ईरान के आतंकवादी वेनेजुएला के रास्ते अमेरिका में घुस गए हैं, जिससे अमेरिका में खतरे की आशंका बढ़ गई है। वेनेजुएला ने अमेरिका पर उसे बदनाम करने का आरोप लगाया है।