यूक्रेन में युद्धविराम को लेकर डोनाल्ड ट्रंप की कोशिशें नाकाम होती दिख रही हैं। बातचीत के तीसरे दौर में कोई प्रगति नहीं हुई है। रूस और यूक्रेन दोनों ही सर्दियों में भीषण युद्ध की तैयारी कर रहे हैं। यूक्रेन द्वारा दो परमाणु संयंत्रों पर हमले के बाद यूरोप में परमाणु संघर्ष का खतरा बढ़ गया है। ज़ापोरिज़िया और कुर्स्क परमाणु संयंत्रों पर हमलों के कारण विकिरण रिसाव की आशंका है। यूक्रेन अब रूस को रोकने के लिए परमाणु हमलों का सहारा ले रहा है।
रूस यूक्रेन में हमले कर रहा है, जिसमें टैंकों और सैनिकों की प्रगति शामिल है। युद्धविराम की संभावना कम होने से रूस यूक्रेन को खत्म करने के लिए आगे बढ़ रहा है। यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने नाटो देशों से मदद मांगी है, जिसके बाद नाटो ने रूस को रोकने के लिए एक योजना बनाई है।
यूक्रेन रूस के ऊर्जा क्षेत्र और क्रीमिया को निशाना बना रहा है, जबकि ब्रिटेन ने यूक्रेन को रूस के परमाणु ठिकानों पर हमले करने का सुझाव दिया है। यूक्रेन के ड्रोन रूस के परमाणु संयंत्रों पर हमले के लिए तैयार हैं। रूस का दावा है कि उसने हमलों को विफल कर दिया, लेकिन यूक्रेन ने हमलों को जारी रखा है। ज़ापोरिज़िया और कुर्स्क परमाणु संयंत्रों पर हमलों से रेडियोधर्मी रिसाव का खतरा बढ़ गया है।
ज़ापोरिज़िया परमाणु संयंत्र पर हमले की स्थिति में, एक बड़े क्षेत्र में विकिरण का खतरा होगा। 50 किलोमीटर तक गंभीर क्षेत्र होगा, जिससे लोग तुरंत मारे जा सकते हैं। 150 किमी तक मध्यम क्षेत्र होगा, जिसमें विकिरण से बीमार होने का खतरा होगा, और 300 किमी तक हल्का क्षेत्र होगा। ज़ापोरिज़िया और कुर्स्क में 5 लाख से अधिक लोग प्रभावित हो सकते हैं।
कुर्स्क में भी इसी तरह के हमले हुए हैं। ज़ापोरिज़िया और कुर्स्क के बीच की दूरी 521 किलोमीटर है, लेकिन तबाही का दायरा 1000 किलोमीटर तक हो सकता है। कुर्स्क परमाणु संयंत्र पर हमले से गंभीर क्षेत्र 30 किमी का हो सकता है, मध्यम क्षेत्र 120 किमी का, और हल्का क्षेत्र 250 किमी का होगा।
यूक्रेन के सैनिक कुर्स्क में घुस गए हैं, और नॉर्थ कोरिया के सैनिक उनसे लड़ रहे हैं। यूक्रेन ने कुर्स्क और ज़ापोरिज़िया परमाणु संयंत्रों पर हमले किए, जिससे तबाही का खतरा बढ़ गया है।
दोनों परमाणु संयंत्रों पर हमलों से रूस सहित उत्तरी और पूर्वी यूरोप में विकिरण का खतरा है। यूक्रेन ने रूसी धरती पर हमलों के लिए अपने हथियारों का उपयोग करने का दावा किया है। यूक्रेन की बढ़ती तैयारी से क्रेमलिन चिंतित है। यूक्रेन को यूरोपीय देशों से मदद मिल रही है।
यूक्रेन के पास फ्लेमिंगो मिसाइल, R-360 नेपच्यून मिसाइल, स्टॉर्म शैडो, ATACMS और TB-2 ड्रोन जैसे हथियार हैं।
रूस-यूक्रेन सीमा पर युद्धविराम की कोशिशें विफल हो गई हैं। रूस ने दावा किया है कि यूरोपीय देश यूक्रेन को हथियार भेज रहे हैं। रूस ने ब्रिटेन और फ्रांस को काला सागर में हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया है। जर्मनी के बाद नॉर्वे भी यूक्रेन में वेपन प्लांट खोलने जा रहा है।
यूक्रेन के हमलों के कारण रूस के परमाणु संयंत्रों पर हमले हो रहे हैं। रूस ने धमकी दी है कि यदि यूरोपीय देश यूक्रेन को सैन्य सहायता देना जारी रखते हैं तो वह परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है।