पूर्व श्रीलंकाई राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को शनिवार को आईसीयू में भर्ती कराया गया। शुक्रवार रात हिरासत में लिए जाने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। कोलंबो नेशनल हॉस्पिटल ने बताया कि उन्हें गंभीर निर्जलीकरण हुआ है और उनकी गहन निगरानी की जा रही है। विक्रमसिंघे पर निजी विदेश यात्राओं के लिए सरकारी धन के उपयोग का आरोप है।
76 वर्षीय विक्रमसिंघे को कोलंबो फोर्ट मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 26 अगस्त तक रिमांड पर भेजा था। जिसके बाद उन्हें शुक्रवार देर रात मैगजीन रिमांड जेल में स्थानांतरित कर दिया गया। उन्हें हाई ब्लड प्रेशर और मधुमेह की भी शिकायत है। अस्पताल ने कहा कि उनकी हालत अब स्थिर है।
रिमांड जेल के प्रवक्ता ने बताया कि तबीयत बिगड़ने पर उन्हें नेशनल हॉस्पिटल ले जाया गया, क्योंकि जेल की स्वास्थ्य सुविधाओं में पर्याप्त इलाज की व्यवस्था नहीं थी। विपक्षी नेताओं ने दिन में विक्रमसिंघे से मुलाकात की और बताया कि पूर्व राष्ट्रपति अच्छे मूड में थे, लेकिन रात में उनकी तबीयत बिगड़ गई।
विक्रमसिंघे सितंबर में राष्ट्रपति चुनाव हार गए थे, लेकिन राजनीतिक रूप से सक्रिय बने रहे। उन्हें भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चलाने वाले दिसानायके ने गिरफ्तार करवाया था।
विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के पास संसद में केवल 2 सीटें हैं। यूएनपी का मानना है कि सरकार को पूर्व राष्ट्रपति से खतरा महसूस हो रहा है। यूएनपी महासचिव थलथा अथुकोरला ने कोलंबो में कहा कि उन्हें डर है कि वह फिर से सत्ता में आ सकते हैं, इसलिए यह कार्रवाई की गई।
सीआईडी का कहना है कि विक्रमसिंघे ने सितंबर 2023 में लंदन यात्रा के दौरान सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग किया। इस दौरान उनके निजी सुरक्षा गार्डों का खर्च भी सरकारी खजाने से दिया गया। वह सितंबर 2023 में क्यूबा में जी77 सम्मेलन में शामिल हुए और फिर लंदन में अपनी पत्नी के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। सीआईडी का आरोप है कि यह यात्रा निजी कारणों से की गई थी, लेकिन इसका खर्च सरकारी खजाने से दिया गया।