रूस के बाद, अब चीन ने भारत के साथ खड़े होने का फैसला किया है। भारत में चीनी राजदूत, शू फेईहोंग ने घोषणा की कि चीन भारतीय वस्तुओं को अपने बाजार में प्रवेश करने की अनुमति देगा। उन्होंने कहा कि भारत और चीन दोनों ही विकासशील देश हैं और एशिया में आर्थिक विकास के इंजन हैं।
राजदूत ने जोर देकर कहा कि दोनों देशों को मतभेदों को बातचीत के माध्यम से सुलझाना चाहिए, प्रतिद्वंद्वी के रूप में नहीं। उन्होंने अमेरिका पर भारत पर टैरिफ लगाने का आरोप लगाते हुए उसे ‘गुंडा’ करार दिया और कहा कि चीन इस कदम का विरोध करता है।
शू फेईहोंग ने दोनों देशों द्वारा उठाए गए सकारात्मक कदमों पर भी प्रकाश डाला, जैसे कि भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए चीन की यात्रा फिर से शुरू करना और चीनी नागरिकों को भारत द्वारा पर्यटक वीजा जारी करना। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी चीन यात्रा को लेकर भी आशा व्यक्त की और कहा कि इससे दोनों देशों के बीच संबंधों को नई गति मिलेगी।