बांग्लादेश एक नई समस्या में फंस गया है। शेख हसीना की पार्टी, आवामी लीग, ने तख्तापलट से पहले रूस से दो हेलीकॉप्टर खरीदे थे, लेकिन अब ये सौदा बांग्लादेश के लिए मुसीबत बन गया है। अमेरिका के प्रतिबंधों के कारण हेलीकॉप्टरों का आयात मुश्किल हो गया है, जबकि भारी भुगतान किया जा चुका है।
करीब 4 अरब टका के सौदे में 2.98 अरब टका पहले ही दिए जा चुके हैं। सौदा रद्द करने पर भारी नुकसान होगा, और हेलीकॉप्टर मंगवाने पर अमेरिका के साथ तनाव बढ़ने का डर है। पूर्व सरकार ने आतंकवाद विरोधी अभियान और पुलिस की क्षमता बढ़ाने के लिए रूस से हेलीकॉप्टर खरीदने का फैसला किया था। 2021 में एमओयू साइन हुआ, मंजूरी मिली और औपचारिक समझौता भी हो गया। फरवरी-अप्रैल 2023 में हेलीकॉप्टर आने थे, लेकिन अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण देरी हो गई।
अप्रैल 2021 में अमेरिका ने रूसी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए थे, फिर भी बांग्लादेश ने सौदा किया। सवाल है कि सरकार ने प्रतिबंधों के बावजूद डील क्यों की और भुगतान क्यों किया। हेलीकॉप्टर रूस के गोदाम में हैं, और रखरखाव का खर्च बढ़ रहा है। सौदा रद्द होने पर कंपनी पूरा खर्च वसूल सकती है। विदेश मंत्रालय अमेरिका को समझाने की कोशिश कर रहा है कि हेलीकॉप्टर नागरिक उपयोग के लिए हैं। अगर बांग्लादेश अड़ा रहा, तो अमेरिका-बांग्लादेश संबंधों पर बुरा असर पड़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका से टकराव बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदेह हो सकता है, क्योंकि दोनों देशों के बीच मजबूत व्यापारिक संबंध हैं।