अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई मुलाकात में पुतिन को बड़ी सफलता मिली। दुनिया इस मुलाकात को पुतिन की जीत मान रही है क्योंकि ट्रम्प को पुतिन की ज्यादातर बातें माननी पड़ीं। पुतिन ने ट्रम्प को अपने पक्ष में कर लिया है, जिससे अब ट्रम्प रूस के लिए खुलकर समर्थन कर रहे हैं।
पुतिन ने बैठक के दौरान कहा कि वे और ट्रम्प सीधे संपर्क में रहे हैं और कई बार बात की है। ट्रम्प ने भी माना कि पुतिन के साथ उनके संबंध हमेशा अच्छे रहे हैं और वे कई मुद्दों पर सहमत हुए।
पुतिन ने अपनी कूटनीति से ट्रम्प को अपने साथ मिलाया और यूक्रेन के क्षेत्रों पर कब्जा करने का समय भी हासिल कर लिया। अब ट्रम्प रूस पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाएंगे। पुतिन ने युद्धविराम नहीं, बल्कि स्थायी शांति संधि की मांग की और ट्रम्प इसके लिए भी तैयार हो गए।
बैठक में पुतिन ने स्थायी समाधान और यूक्रेन के साथ स्थायी शांति संधि की बात की, जिस पर ट्रम्प ने सहमति जताई।
इसका मतलब है कि जब तक स्थायी शांति संधि नहीं होती, तब तक रूस के हमले जारी रहेंगे। पुतिन ने ट्रम्प से कहा कि रूस की सभी शर्तों पर विचार किया जाना चाहिए, यानी स्थायी शांति संधि तभी होगी जब रूस की सभी शर्तें मान ली जाएंगी।
दूसरी ओर, रूस को ट्रम्प का समर्थन मिलने के बाद यूक्रेन में हमले तेज हो गए हैं। रूसी सेना ने लीमन, कुपियांस्क, डोनेस्क, निप्रो, खारकीव और अन्य क्षेत्रों में हमले किए हैं। रूसी सेना ने यूक्रेन में बड़े हमले की तैयारी कर ली है।
इन हमलों के जवाब में, यूक्रेनी सेना ने रूस पर पलटवार किया। यूक्रेन ने रूस के आठ प्रांतों में ड्रोन हमले किए, जिससे कई कारें जल गईं। यूक्रेन के हमलों में रियाज़ान में एक हथियार फैक्ट्री, बेलगोरोद में सैन्य ठिकाना, वोल्गोग्राद में हथियार गोदाम, रोस्तोव में इमारतें, कुर्स्क में रडार स्टेशन और अन्य स्थानों को निशाना बनाया गया। ये हमले जेलेंस्की की बौखलाहट का नतीजा हैं, क्योंकि यूक्रेन के पास अब आत्मसमर्पण के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।