अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पर 50% टैरिफ लगाकर अपने ही देश में घिर गए हैं। अमेरिकी संसद की विदेश मामलों की समिति ने भारत के प्रति ट्रंप प्रशासन की नीति पर सवाल उठाए हैं। समिति का कहना है कि भारत पर टैरिफ लगाने से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अमेरिकी वित्त मंत्री ने पहले धमकी दी थी कि अगर पुतिन युद्ध नहीं रोकते हैं तो भारत पर और टैरिफ लगाए जाएंगे।
समिति ने ट्रंप की आलोचना करते हुए कहा कि भारत पर टैरिफ लगाने से यूक्रेन में रूसी कार्रवाइयों को नहीं रोका जा सकता। उनका कहना था कि अगर ट्रंप वास्तव में यूक्रेन में रूस के अवैध आक्रमण को रोकना चाहते हैं, तो पुतिन को दंडित करें और यूक्रेन को आवश्यक सैन्य सहायता प्रदान करें। ट्रंप ने भारत द्वारा रूसी तेल खरीदने के कारण टैरिफ को 25% से बढ़ाकर 50% कर दिया है, जिसे भारत ने अनुचित बताया है।
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को तीन साल से अधिक समय हो गया है। इस युद्ध को समाप्त करने के प्रयास तेज हो गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बार-बार कह चुके हैं कि वह रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को रोकना चाहते हैं। अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि पुतिन और ट्रंप की अलास्का में होने वाली बैठक में क्या होता है।
यह बैठक रूस और यूक्रेन के लिए ही नहीं, बल्कि भारत, अमेरिका, रूस और यूक्रेन के लिए भी महत्वपूर्ण है। बैठक से पहले ट्रंप ने कहा था कि वह रूस-यूक्रेन युद्ध में युद्धविराम देखना चाहते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की टैरिफ धमकी के बीच दुनिया को एक स्पष्ट संदेश दिया है कि वह किसानों के हितों की रक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत उनके हितों से समझौता नहीं करेगा। स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी ने कहा कि भारत के किसान, पशुपालक और मछुआरे उनकी प्राथमिकता हैं और वह हमेशा उनकी रक्षा के लिए खड़े रहेंगे।