अलास्का में ट्रंप और पुतिन के बीच होने वाली शिखर बैठक का इंतजार है, जो यूक्रेन और यूरोप के भविष्य को आकार देने वाली है। इस बैठक में चार प्रमुख खिलाड़ियों की भूमिका है: डोनाल्ड ट्रंप, जो युद्ध को समाप्त करने और नोबेल शांति पुरस्कार जीतने की इच्छा रखते हैं; व्लादिमीर पुतिन, जो नाटो के विस्तार को रोकना चाहते हैं; वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की, जो यूक्रेन की संप्रभुता की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं; और यूरोपीय संघ, जो युद्ध को पुतिन की शर्तों पर समाप्त नहीं होने देना चाहता।
इस बैठक से यह तय होगा कि युद्धविराम होगा या एक बड़ा संघर्ष। ट्रंप युद्धविराम चाहते हैं और उन्होंने इसके लिए यूरोप में एक नया ‘वेस्ट बैंक मॉडल’ बनाने का प्रस्ताव रखा है।
‘वेस्ट बैंक मॉडल’ के तहत, यूक्रेन के उन क्षेत्रों पर, जिन्हें रूस ने जीता है, रूस का नियंत्रण होगा, लेकिन वे औपचारिक रूप से रूस का हिस्सा नहीं होंगे। यह योजना ट्रंप के दूत स्टीव विटकॉफ द्वारा तैयार की गई है।
ट्रंप पुतिन को इस मॉडल पर सहमत करने का प्रयास करेंगे। बैठक में सीमाओं पर चर्चा नहीं होगी, लेकिन यूक्रेन के उन क्षेत्रों पर रूसी नियंत्रण स्थापित करने का प्रस्ताव होगा, जिन पर रूस का कब्ज़ा है। इसका मतलब है कि यूक्रेन का क्षेत्र यूक्रेन का ही रहेगा, लेकिन उस पर रूस का शासन होगा।
ट्रंप की योजना यूक्रेन के नक्शे में बदलाव नहीं करेगी, लेकिन रूस के विस्तार को भी नहीं रोकेगी।
‘वेस्ट बैंक मॉडल’ में, यूक्रेन का क्षेत्र यूक्रेन का ही रहेगा, यूक्रेनी सीमाएं नहीं बदलेंगी, रूस जीते हुए क्षेत्रों को नियंत्रित करेगा, रूसी सेना तैनात रहेगी, नागरिक प्रशासन सरकार होगी और खनिज संपदा पर रूस का अधिकार होगा।
हालांकि, अगर पुतिन सहमत हो जाते हैं, तो क्या यूक्रेन और यूरोप इस पर सहमत होंगे? ‘वेस्ट बैंक मॉडल’ से पूर्वी यूक्रेन में सशस्त्र संघर्ष जारी रहेगा, मिलिटेंट गतिविधियाँ बढ़ेंगी, बाल्टिक देशों में अस्थिरता आएगी और कई यूरोपीय देशों में अशांति फैल सकती है।
यूरोपीय देश यूक्रेन में ‘वेस्ट बैंक मॉडल’ को लागू करने का विरोध करेंगे। यदि ट्रंप और पुतिन इस पर सहमत होते हैं, तो यूरोप के पास महासंग्राम का विकल्प बचेगा।
इस स्थिति में, कई देश ट्रंप की योजना का विरोध कर सकते हैं, यूक्रेन को हथियार भेज सकते हैं और युद्ध की स्थिति में रूस के खिलाफ लड़ सकते हैं, जिससे विश्व युद्ध का खतरा बढ़ सकता है।
ट्रंप को फिलहाल युद्धविराम की आवश्यकता है, क्योंकि वह नोबेल शांति पुरस्कार चाहते हैं और यूक्रेन-रूस युद्धविराम पर हस्ताक्षर करना चाहते हैं।
ट्रंप पुतिन को अलास्का के संसाधनों में हिस्सेदारी देने का प्रस्ताव भी दे सकते हैं, जिसमें दुर्लभ खनिज, नवीकरणीय ऊर्जा खनिज और रक्षा क्षेत्र के लिए आवश्यक खनिज शामिल हैं। ट्रंप ने मिनरल्स, जमीन और डॉलर का एक पैकेज तैयार किया है। इसके अतिरिक्त, अमेरिका रूस पर लगे प्रतिबंधों को भी कम कर सकता है, जिसकी शुरुआत हो चुकी है।
पुतिन की यात्रा से पहले, अमेरिका ने रूस के अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय लेनदेन से प्रतिबंध हटा दिए हैं। अब सवाल यह है कि क्या ट्रंप का प्रस्ताव युद्धविराम लाएगा या युद्ध की शुरुआत करेगा।