सीरिया में नई सरकार के आने के बाद देश की विदेश नीति में बड़ा बदलाव हुआ है। राष्ट्रपति अहमद अल-शरा अब अमेरिका और सऊदी अरब से मदद नहीं मांग रहे हैं। उन्होंने संकट से बाहर निकलने के लिए रूस से संपर्क किया है। रूसी अखबार कोमर्सांत की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सीरिया के विदेश मंत्री असद अल-शबैानी ने मॉस्को में सीरियाई समुदाय से मुलाकात की और खुलासा किया कि दमिश्क ने रूस से इजराइल की सीमा के पास सैन्य पुलिस गश्त फिर से शुरू करने की मांग की है। सीरिया का मानना है कि गोलान हाइट्स के बफर जोन में रूसी सैन्य पुलिस की वापसी इजराइली हस्तक्षेप को रोक सकती है। नई सरकार को उम्मीद है कि रूस सीमाई इलाकों में स्थिरता बनाए रखेगा और सीरिया-इजराइल के बीच संबंध भी बेहतर करेगा। यह सीरिया के लिए सुरक्षा और कूटनीति दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। कई सालों तक रूसी सैन्य पुलिस इस बफर जोन में तैनात रही। पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार गिरने के बाद रूस ने अपनी सेना हटा ली थी। इसके बाद इजराइली गतिविधियां बढ़ गईं जिससे सीरिया चिंतित हो गया। अब सीरिया और रूस के बीच लगातार बातचीत हो रही है, जिसमें तार्टूस और लताकिया जैसे ठिकानों पर रूसी मौजूदगी पर भी चर्चा हो रही है। कोमर्सांत की रिपोर्ट के अनुसार, सीरिया ने इजराइल को संदेश दिया है कि वह उसकी सीरियाई जमीन पर मौजूदगी को स्वीकार नहीं करेगा, लेकिन रूस के साथ समझौते की गुंजाइश है।
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