सुप्रीम कोर्ट द्वारा आवारा कुत्तों के संबंध में हाल ही में दिए गए आदेश ने इस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया है। अदालत ने सभी आवारा कुत्तों को 8 हफ़्तों के भीतर शेल्टर होम में रखने का आदेश दिया है, जिससे लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। इस फैसले के मद्देनजर, कई लोग उन देशों के बारे में जानने के इच्छुक हैं जिन्होंने इस चुनौती का प्रभावी ढंग से समाधान किया है। पशु अधिकार संगठन पेटा इंडिया ने हालांकि इसे स्थायी समाधान नहीं माना है।
यहाँ उन देशों पर एक नज़र डाली गई है जिन्होंने इस समस्या को काफी हद तक नियंत्रित किया है और उन्होंने इसे कैसे हासिल किया:
**1. भूटान:**
भूटान, भारत का पड़ोसी देश, 2023 में 100% आवारा कुत्तों की नसबंदी करने वाला पहला देश बन गया। भूटान ने 2021 में एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम शुरू किया, जिसके तहत 2021 से 2023 तक 1.5 लाख से अधिक आवारा कुत्तों की नसबंदी की गई। इस कार्यक्रम पर लगभग 29 करोड़ रुपये का खर्च आया।
**2. मोरक्को:**
मोरक्को ने आवारा कुत्तों से निपटने के लिए एक मानवीय दृष्टिकोण अपनाया। देश ने TNVR कार्यक्रम, यानी ट्रैप-न्यूटर-वैक्सीनेट-रिटर्न शुरू किया, जिसमें कुत्तों को पकड़ना, उनकी नसबंदी करना, रेबीज का टीकाकरण करना और उन्हें उनके मूल क्षेत्रों में लौटाना शामिल था। सरकार ने पिछले पाँच वर्षों में इस कार्यक्रम पर लगभग 190 करोड़ रुपये खर्च किए।
**3. नीदरलैंड:**
नीदरलैंड, यूरोप का पहला देश है जहाँ एक भी आवारा कुत्ता नहीं है। प्रारंभ में, सरकार ने कुत्तों को मारने, पट्टे के नियम और डॉग टैक्स जैसे उपाय किए। बाद में जानवरों के साथ दुर्व्यवहार को अपराध घोषित किया गया। इसके बाद तीन प्रमुख परिवर्तन हुए: दुकानों से खरीदे गए कुत्तों पर भारी टैक्स, CNVR कार्यक्रम और पेट-पुलिस फोर्स का गठन।
**4. जापान:**
जापान में सख्त पशु कल्याण कानून हैं। आवारा कुत्तों को पकड़ा जाता है, क्वारंटीन में रखा जाता है और गोद लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। पशु चिकित्सकों द्वारा कम लागत पर नसबंदी कार्यक्रम चलाए जाते हैं ताकि आवारा कुत्तों की संख्या को नियंत्रित किया जा सके। बीमार या खतरनाक कुत्तों के लिए यूथनेशिया की अनुमति है।
**5. साउथ कोरिया:**
साउथ कोरिया में छोड़े गए पालतू जानवरों की संख्या में वृद्धि हो रही है। इससे निपटने के लिए, सरकार ने आवारा बिल्लियों के लिए ट्रैप-न्यूटर-रिटर्न (TNR) कार्यक्रम शुरू किया।