ईरान ने अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच अमेरिका द्वारा मध्यस्थता कराए गए शांति समझौते के तहत प्रस्तावित काकेशस कॉरिडोर को रोकने का संकल्प लिया है। ईरान का मानना है कि यह समझौता उसके हितों के खिलाफ है।
ईरान के सर्वोच्च नेता के एक सलाहकार, अली अकबर वेलयाती ने कहा कि ईरान इस पहल को ‘रूस के साथ या उसके बिना’ रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। वेलयाती ने परिवहन गलियारे को ‘ट्रंप के भाड़े के सैनिकों के लिए प्रवेश द्वार’ के रूप में वर्णित किया और इसे आर्मेनिया की क्षेत्रीय अखंडता के लिए एक ‘राजनीतिक विश्वासघात’ बताया।
ईरान इस कॉरिडोर का विरोध करता है क्योंकि उसे डर है कि इससे अमेरिका और नाटो की सैन्य उपस्थिति उसकी उत्तरी सीमाओं तक बढ़ सकती है। ईरान का मानना है कि यह उसके भू-राजनीतिक, रणनीतिक और आर्थिक हितों के लिए खतरा है, खासकर आर्मेनिया के साथ उसके संबंधों के संदर्भ में।