रूस और यूक्रेन के बीच टकराव थमने का नाम नहीं ले रहा है। रूसी सेना पिछले काफी समय से यूक्रेन पर भारी हमले कर रही है। रूस की हवाई हमले और तेज हो गए हैं, जब जेलेंस्की ने ऐलान किया कि वे न तो रूस की शर्तों पर युद्ध विराम करेंगे और न ही रूस को एक भी इंच जमीन देंगे। जेलेंस्की की घोषणा के बाद युद्ध विराम की संभावना खत्म हो गई, जिसके बाद रूसी सेना ने फिर से यूक्रेन पर हमले तेज कर दिए हैं।
जेलेंस्की ने यह घोषणा तब की, जब ट्रंप और पुतिन अलास्का में 15 अगस्त को मिलने वाले थे। खबरों के मुताबिक, युद्धविराम को लेकर ट्रंप पुतिन की शर्तों पर राजी हो गए, लेकिन जेलेंस्की इसके लिए तैयार नहीं हैं। जेलेंस्की के इस रुख से ट्रंप और पुतिन दोनों ही नाराज हैं।
जेलेंस्की के ऐलान के बाद युद्ध विराम की संभावना पूरी तरह से खत्म हो गई। जेलेंस्की के इस फैसले से युद्ध की आग और भड़क गई है। इसी घोषणा के कारण अलास्का में होने वाली ट्रंप-पुतिन की वार्ता शुरू होने से पहले ही विफल हो गई। जेलेंस्की ने कहा कि वे रूस की शर्तों पर युद्ध विराम नहीं करेंगे और न ही रूस को अपनी एक इंच भी जमीन देंगे।
जेलेंस्की के ऐलान के बाद रूसी सेना ने पूरे पूर्वी यूक्रेन पर कब्जे का अभियान शुरू कर दिया है। रूसी सेना खारकीव से कीव तक, सूमी से ओडेसा तक हमले कर रही है। रूसी सेना पूर्वी यूक्रेन के 6 मोर्चों पर भीषण हमले कर रही है। मिकोलैव और ओडेसा शहरों में रूस भारी बमबारी कर रहा है। रूस ने पूर्वी यूक्रेन पर कब्जे के अभियान को तेज कर दिया है।
पुतिन की सेना यूक्रेन को दो हिस्सों में बांटने की कोशिश कर रही है और पूरे पूर्वी यूक्रेन पर कब्जा करना चाहती है।
रूस का यूक्रेन पर नया हमला तब शुरू हुआ, जब जेलेंस्की ने अपनी जमीन देने से इनकार कर दिया। बताया जा रहा है कि 15 अगस्त को अलास्का में पुतिन और ट्रंप की मुलाकात होने वाली थी। पुतिन और ट्रंप शांति के लिए बातचीत करने वाले थे। दोनों नेता युद्ध विराम पर बातचीत करने के लिए तैयार हो गए थे, लेकिन जेलेंस्की के बयान ने सब कुछ बदल दिया।
ट्रंप और रूस युद्ध विराम के लिए तैयार हो गए थे, लेकिन जेलेंस्की इस समझौते के लिए तैयार नहीं हैं। जेलेंस्की ने ट्रंप के फैसले के खिलाफ जाने का फैसला इसलिए किया, क्योंकि यूक्रेन की सेना और जनता दोनों ही नहीं चाहते कि युद्धविराम रूस की शर्तों पर हो। एक सर्वे में 76% यूक्रेनियन का मानना है कि रूस की शर्तों पर युद्ध विराम मंजूर नहीं है। जेलेंस्की जानते हैं कि अगर उन्होंने जनता और सेना के खिलाफ कदम उठाया, तो उनका तख्तापलट हो जाएगा।
पुतिन ने युद्ध विराम के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया था, जिसमें यूक्रेन को डोनेस्क, लुहांस्क, जेपोरिजिया और खेरसोन छोड़ने के लिए कहा गया था। प्रस्ताव में यह भी लिखा था कि अमेरिका इन चारों इलाकों के अलावा क्रीमिया को भी रूसी प्रांत की मान्यता देगा। ट्रंप ने पुतिन की इन शर्तों को स्वीकार कर लिया था।
पिछले साल यूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ते हुए अमेरिकी खुफिया एजेंसी के अफसर का बेटा माइकल ग्लॉस मारा गया था। पुतिन ने माइकल ग्लॉस के पिता को ऑर्डर ऑफ लेनिन पुरस्कार दिया। पुतिन ने ग्लॉस को रूस के लिए युद्ध लड़ने और वीरगति प्राप्त होने पर यह अवार्ड दिया। यह अवार्ड ट्रंप के दूत स्टीव विटकॉफ के जरिए ग्लॉस तक पहुंचाया गया।
विटकॉफ दो दिन पहले मॉस्को गए थे, जहां पुतिन और विटकॉफ की मुलाकात हुई थी। इसी दौरान पुतिन ने विटकॉफ को ऑर्डर ऑफ लेनिन अवार्ड सौंपा। विटकॉफ ने ही ग्लॉस के पिता तक यह पुरस्कार पहुंचाया। कहा जा रहा है कि पुतिन के इस कदम से ट्रंप प्रभावित हुए और उन्होंने पुतिन की शर्तें मान लीं।