ब्राजील में, पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो को तख्तापलट की साजिश के आरोप में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नजरबंद कर दिया गया है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बोलसोनारो का बचाव करते हुए ब्राजील के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंधों की धमकी दी थी। ट्रंप ने मौजूदा राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा को चेतावनी दी थी कि अगर बोलसोनारो के खिलाफ कार्रवाई की गई तो ब्राजील को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
हालांकि, लूला ने ट्रंप की धमकियों का जवाब देते हुए ब्राजील की संप्रभुता से समझौता करने से इनकार कर दिया। यह नजरबंदी आदेश सुप्रीम कोर्ट के जज अलेक्जेंड्रे डी मोराइस ने दिया, जो खुद भी अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रहे हैं।
बोलसोनारो पर 2022 के राष्ट्रपति चुनाव में हार के बाद विद्रोह भड़काने की साजिश रचने का आरोप है। ट्रंप ने इस मामले को राजनीतिक उत्पीड़न बताया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भी इस नजरबंदी की आलोचना की है, आरोप लगाया है कि ब्राजील सरकार विपक्ष को दबाने के लिए अपनी संस्थाओं का इस्तेमाल कर रही है।
ट्रंप ने बोलसोनारो का समर्थन करते हुए ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट के जज अलेक्जेंड्रे डी मोरेस पर प्रतिबंध लगाने का भी प्रयास किया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत, बोलसोनारो अब मोबाइल फोन का उपयोग नहीं कर सकते हैं और उनसे मिलने की अनुमति केवल उनके वकीलों या अदालत द्वारा अधिकृत व्यक्तियों को ही होगी। बोलसोनारो की गिरफ्तारी के बावजूद, ट्रंप के समर्थन ने उनके राजनीतिक समर्थकों को एकजुट किया है, जिसके परिणामस्वरूप देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए।