भारत और फिलीपींस ने दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती दादागिरी के बीच एक नई रणनीतिक साझेदारी शुरू की है। फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर भारत आए हैं।
दोनों देशों ने 1949 में राजनयिक संबंध स्थापित किए थे, और अब 75 साल पूरे होने पर इसे एक नई ऊंचाई पर ले जाने का फैसला किया है। यह समझौता सिर्फ दोस्ती से आगे बढ़कर भविष्य की तैयारी को दर्शाता है।
दोनों देशों ने चीन की आक्रामकता पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा और 2016 के अंतरराष्ट्रीय पंचाट के फैसले का समर्थन किया। समुद्री कानूनों, नौवहन की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय स्थिरता पर जोर दिया गया।
भारत और फिलीपींस अब संयुक्त रक्षा सहयोग समिति और रक्षा उद्योग समिति के माध्यम से नियमित बैठकें करेंगे। सैन्य सहयोग, रक्षा तकनीक और तीनों सेनाओं के बीच समन्वय बढ़ेगा। समुद्री सुरक्षा, साइबर सुरक्षा और आतंकवाद से निपटने में भी सहयोग किया जाएगा।
व्यापार को बढ़ावा देने के लिए, व्यापार समझौते (PTA) पर जोर दिया जाएगा। फार्मा, ऑटोमोबाइल, EV, कृषि, स्टार्टअप, बायोटेक, पर्यटन और डिजिटल प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ेगा।
आयुर्वेद, योग और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का आदान-प्रदान होगा। ITEC और ICCR छात्रवृत्ति के माध्यम से युवाओं को शिक्षा और अनुसंधान के अवसर मिलेंगे। अंतरिक्ष विज्ञान, शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा, AI, फिनटेक और साइबर फॉरेंसिक जैसे क्षेत्रों में साझेदारी होगी।
दिल्ली और मनीला के बीच सीधी उड़ानें शुरू होंगी। भारतीयों को फिलीपींस जाने के लिए वीजा की आवश्यकता नहीं होगी, और फिलीपींस के नागरिकों को भारत के लिए ई-टूरिस्ट वीजा मुफ्त मिलेगा।