नई दिल्ली: गूगल ने अपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित सर्च सेवा का दायरा बढ़ाते हुए भारत में इसे सात और क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध करा दिया है। बुधवार को हुई घोषणा के अनुसार, अब बंगाली, कन्नड़, मलयालम, मराठी, तमिल, तेलुगु और उर्दू भाषी उपयोगकर्ता भी AI मोड का लाभ उठा सकेंगे। इस महत्वपूर्ण कदम से देश भर के करोड़ों लोग अपनी मातृभाषा में जटिल सवालों के जवाब आसानी से पा सकेंगे। AI मोड, जो पहले केवल हिंदी और अंग्रेजी में उपलब्ध था, उपयोगकर्ताओं को गहन जानकारी प्राप्त करने और बातचीत के अंदाज़ में प्रश्न पूछने का अनुभव प्रदान करता है।
गूगल ने बताया कि भारत में AI मोड की शुरुआत को लोगों ने हाथों-हाथ लिया है। शिक्षा, लेखन, उत्पादों की तुलना करने या यात्रा की योजना बनाने जैसे विभिन्न कार्यों के लिए इसका भरपूर इस्तेमाल हो रहा है। कंपनी ने इस विस्तार का श्रेय अपने विशेष जेमिनी मॉडल को दिया है, जिसे खास तौर पर भारतीय भाषाओं की बारीकियों को समझने के लिए विकसित किया गया है, न कि केवल शब्दों का अनुवाद करने के लिए। इन नई भाषाओं में यह सुविधा अगले सप्ताह से चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी।
AI मोड के इस विस्तार के साथ, गूगल ने ‘सर्च लाइव’ नामक एक नया फीचर भी पेश किया है। यह उपयोगकर्ताओं को आवाज़ और कैमरे के ज़रिए सर्च से जुड़ने की सुविधा देता है। इसके माध्यम से, आप गूगल से सीधे बात करके अपने आसपास की चीज़ों के बारे में रियल-टाइम जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। भारत, अमेरिका के बाद दुनिया का दूसरा देश होगा जहाँ यह ‘सर्च लाइव’ सुविधा उपलब्ध होगी, जो फिलहाल अंग्रेजी और हिंदी में मिलेगी।
एक उदाहरण के तौर पर, आप अपनी रसोई की सामग्री पर कैमरा करके पूछ सकते हैं, “इन चीजों से आइस्ड माचा बनाने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?” और आपको तुरंत निर्देश मिल जाएंगे। गूगल का मानना है कि यह फीचर DIY (खुद से करें) प्रोजेक्ट्स, किसी समस्या का समाधान ढूंढने, स्कूल के प्रोजेक्ट्स और यात्रा की योजना बनाने में बेहद मददगार साबित होगा।
‘सर्च लाइव’ आज से उपलब्ध होना शुरू हो गया है और आने वाले हफ्तों में यह और ज़्यादा लोगों तक पहुंचेगा। इसे आज़माने के लिए, गूगल ऐप खोलें और सर्च बार के नीचे ‘लाइव’ बटन पर टैप करें, या गूगल लेंस में जाकर ‘लाइव’ विकल्प चुनें। गूगल का कहना है कि ये अपडेट भारत में सभी के लिए सर्च को अधिक सहज, संवादात्मक और सुलभ बनाने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं, ताकि वे “कुछ भी पूछ सकें”।