AI के आने के बाद से, कंपनियों ने इस तकनीक पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया है। हालांकि, हाल ही में आई एक रिपोर्ट में AI को लेकर चिंताजनक जानकारी सामने आई है। जहां बड़ी-बड़ी कंपनियां AI पर भारी निवेश कर रही हैं, वहीं कई स्टार्टअप्स के AI प्रोजेक्ट्स अभी शुरुआती चरण में ही हैं।
MIT की ‘The GenAI Divide: State of AI in Business 2025’ रिपोर्ट में बताया गया है कि कंपनियां राजस्व बढ़ाने के लिए जेनरेटिव AI पर दांव लगा रही हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल रही है। कंपनियों को उम्मीद थी कि AI से राजस्व बढ़ेगा, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है। AI मॉडल के अपग्रेड आने के बावजूद, केवल 5% AI पायलट प्रोजेक्ट ही सफल हुए हैं।
AI प्रोजेक्ट्स की विफलता के कारण खराब एकीकरण, प्रदर्शन और अपनाने में कठिनाई है। रिपोर्ट के बाद, AI इंडस्ट्री के भविष्य को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
कहा जा रहा था कि AI कस्टमर सर्विस और कंटेंट क्रिएशन सहित विभिन्न क्षेत्रों में लागत कम करेगा और उत्पादकता बढ़ाएगा। लेकिन MIT के शोध से पता चला है कि व्यवसायों के परिणामों और लोगों की धारणा में अंतर है। अध्ययन से पता चला है कि उन्नत AI केवल 30% ऑफिस कार्यों को ही संभाल सकता है, जबकि बाकी काम इंसानों को ही करने होंगे। MIT स्टडी में एंटरप्राइज स्तर पर AI अपनाने में विफलता का सबसे बड़ा कारण सीखने की कमी को बताया गया है।