2025 की पहली तिमाही में भारत के दूरसंचार उद्योग द्वारा एक गतिशील प्रदर्शन देखा गया। रिपोर्ट ने जनवरी से मार्च 2025 तक के प्रमुख रुझानों पर प्रकाश डाला। वायरलेस (मोबाइल + 5G FWA) उपयोगकर्ताओं में 13.10 मिलियन की वृद्धि हुई, जो कुल 1,163.76 मिलियन तक पहुंच गई। ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल और ब्रॉडबैंड का विस्तार जारी रहा। इसके बावजूद, ब्रॉडबैंड की वृद्धि लगभग रुक गई। वायरलाइन सब्सक्राइबर बेस में 5.67 प्रतिशत की कमी आई। टेली-डेंसिटी 85.04 प्रतिशत तक बढ़ी, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या में थोड़ी कमी आई, जबकि ब्रॉडबैंड सब्सक्रिप्शन में मामूली गिरावट देखी गई। प्रति उपयोगकर्ता औसत मासिक डेटा खपत 22.19 जीबी तक पहुंच गई। प्रति जीबी औसत राजस्व ₹9.11 था। वायरलेस ARPU बढ़कर ₹182.95 हो गया। दूरसंचार क्षेत्र का सकल राजस्व बढ़कर ₹98,250 करोड़ हो गया। समायोजित सकल राजस्व ₹79,226 करोड़ तक पहुंच गया। प्रदाताओं ने आवश्यक गुणवत्ता सेवा (QoS) मानकों को पूरा किया। रिपोर्ट में अनुमत निजी उपग्रह टीवी चैनल, सक्रिय पे डीटीएच उपयोगकर्ता और परिचालन निजी एफएम रेडियो चैनल के बारे में भी जानकारी दी गई।
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