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- जैसे बांसकला, काष्ठकला, चित्रकारी, गोदनाकला, शिल्पकला आदि का एवं अंतिम गैलरी में विषेष रूप से कमजोर जनजाति समूह यथा अबूझमाड़िया, बैगा, कमार, पहाड़ी कोरवा, बिरहोर एवं राज्य शासन द्वारा मान्य भुंजिया एवं पण्डो के विशेषीकृत पहलुओं का प्रदर्शन किया गया है। संग्रहालय में डिजिटल एवं एआई तकनीक के माध्यम से जनजातीय संस्कृति का भी प्रदर्शन किया गया है। क्यूआर कोड स्कैन करते ही सम्बंधित झांकी की सम्पूर्ण जानकारी मोबाइल पर उपलब्ध हो जाएगी।