हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में भारतीय बल्लेबाजों की स्पिन के सामने असफलता ने एक बार फिर घरेलू क्रिकेट की प्रतिभाओं पर ध्यान केंद्रित किया है। देश के प्रथम श्रेणी टूर्नामेंट, रणजी ट्रॉफी में कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं जो लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं और राष्ट्रीय टीम में जगह पाने के हकदार हो सकते हैं। यहां ऐसे तीन खिलाड़ियों पर प्रकाश डाला गया है, जिनका प्रदर्शन उन्हें भारतीय टेस्ट टीम में शामिल करने के लिए प्रेरित कर सकता है।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हालिया टेस्ट मैच में 124 रनों का पीछा करने में विफलता ने भारतीय टीम की बल्लेबाजी की गहराई पर सवाल खड़े कर दिए हैं। खासकर, गुणवत्तापूर्ण स्पिन के खिलाफ जूझना कई वर्षों से एक चिंता का विषय रहा है। आईपीएल में चमकने वाले खिलाड़ियों को अक्सर राष्ट्रीय टीम में जगह मिल जाती है, भले ही उनका प्रथम श्रेणी रिकॉर्ड उतना प्रभावशाली न हो। ऐसे में, रणजी ट्रॉफी में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को अवसर देना समय की मांग है।
कोलकाता में हुए पहले टेस्ट में टीम इंडिया के बल्लेबाजों के प्रदर्शन के बाद, हम तीन ऐसे युवा खिलाड़ियों पर गौर कर रहे हैं जिन्होंने रणजी ट्रॉफी में शानदार छाप छोड़ी है और जिन्हें भारतीय टेस्ट टीम में मौका मिल सकता है:
1. रविचंद्रन समरन (कर्नाटक)
कर्नाटक का यह 22 वर्षीय युवा बल्लेबाज इस रणजी सीजन में रनों का अंबार लगा रहा है। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अपने छोटे से करियर में ही समरन ने अपनी बल्लेबाजी से सबको प्रभावित किया है। उन्होंने अब तक 13 प्रथम श्रेणी मैचों में 70 से अधिक की औसत से 1073 रन बना लिए हैं, जिसमें इस सीजन के दो दोहरे शतक भी शामिल हैं। चार शतक और तीन अर्धशतक के साथ, वह उस नंबर तीन की पोजीशन के लिए एक मजबूत विकल्प हो सकते हैं, जिसके लिए भारतीय टीम अभी भी सही खिलाड़ी की तलाश कर रही है।
2. यश राठौड़ (विदर्भ)
विदर्भ के यश राठौड़ ने पिछले रणजी सीजन में 53.33 की औसत से 960 रन बनाकर अपनी क्षमता साबित की थी। इस सीजन में भी उनका बल्ला खूब चला है, जिसमें दिलीप ट्रॉफी में 194 रन और रणजी ट्रॉफी में दो शतक शामिल हैं। कुल मिलाकर, 25 वर्षीय राठौड़ के पास प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 42 पारियों का अनुभव है, जिसमें उन्होंने 59.43 की औसत से 2318 रन बनाए हैं, जिसमें नौ शतक शामिल हैं। राठौड़ की निरंतरता और बेहतरीन फॉर्म उन्हें भारतीय टेस्ट टीम में जगह दिलाने में मदद कर सकती है।
3. दानिश मलेवर (विदर्भ)
22 वर्षीय दानिश मलेवर भी विदर्भ के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। भले ही उन्हें राष्ट्रीय टीम में शामिल करने के लिए थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है, लेकिन उनके आंकड़े नजरअंदाज करने लायक नहीं हैं। उन्होंने 13 प्रथम श्रेणी मैचों में 52.31 की औसत से 1151 रन बनाए हैं, जिसमें तीन शतक और आठ अर्धशतक शामिल हैं। पिछले रणजी सीजन में 52.2 की औसत से 783 रन बनाना उनकी काबिलियत को दर्शाता है। भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की करने के लिए उन्हें आने वाले समय में अपने प्रदर्शन को और बेहतर बनाए रखना होगा।
