भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने गुरुवार को नवी मुंबई में एक ऐतिहासिक जीत हासिल की, जिसने मौजूदा विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया की 15 मैचों की विजयी लय को तोड़ दिया और उन्हें महिला वनडे विश्व कप 2025 के फाइनल में पहुंचा दिया। 339 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए, भारतीय बल्लेबाजों ने असाधारण कौशल और अटूट विश्वास का प्रदर्शन किया, 48.3 ओवरों में पांच विकेट शेष रहते हुए जीत दर्ज की। यह महिला वनडे विश्व कप के इतिहास में सबसे बड़ी सफल रन चेज बन गई है। इस मैच की स्टार रहीं जेमिमा रोड्रिग्स, जिन्होंने अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक खेली। उन्होंने 134 गेंदों पर 127 रनों की नाबाद शतकीय पारी खेली और नंबर 3 पर आकर टीम को संभाला। कप्तान हरमनप्रीत कौर के साथ उनकी 167 रनों की साझेदारी ने मैच का रुख भारत की ओर मोड़ दिया।
मैच के बाद, ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ जेमिमा रोड्रिग्स ने अपने सफर के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने कहा, “मैं यीशु को धन्यवाद देना चाहती हूं, यह मेरी अपनी शक्ति से संभव नहीं था। मेरे माता-पिता, मेरे कोच और हर उस व्यक्ति का धन्यवाद जिसने मुझ पर भरोसा किया। पिछला महीना मेरे लिए बेहद कठिन रहा है, यह सब किसी सपने जैसा लग रहा है और अभी भी मैं इसे समझ नहीं पा रही हूं।
जब उनसे पूछा गया कि उन्हें कब पता चला कि वह नंबर 3 पर बल्लेबाजी करेंगी, तो उन्होंने बताया, “मुझे बिलकुल अंदाज़ा नहीं था। मैं नहा रही थी और बस उन्हें कहा था कि मुझे बता दें। उतरने से ठीक पांच मिनट पहले मुझे बताया गया कि मैं नंबर 3 पर बल्लेबाजी कर रही हूं।
मेरा ध्यान सिर्फ भारत को जीत दिलाना था, न कि व्यक्तिगत स्कोर बनाना। आज का दिन मेरे लिए सिर्फ़ जीत का दिन था। पिछला साल मेरे लिए बहुत मुश्किल था, मुझे विश्व कप टीम से बाहर कर दिया गया था, जबकि मैं अच्छी फॉर्म में थी। लेकिन परिस्थितियां ऐसी बनीं कि मैं कुछ भी नियंत्रित नहीं कर पाई।
मैं लगभग हर दिन रोई हूं, मानसिक रूप से बहुत परेशान थी और चिंता से ग्रस्त थी। मैं जानती थी कि मुझे इस मैच में प्रदर्शन करना है, और ईश्वर ने मुझे शक्ति दी। जब मैं मैदान पर थी, तो मैं खुद से बातें कर रही थी और खुद को शांत रखने की कोशिश कर रही थी।
मैच के अंतिम क्षणों में, मैं बाइबिल के एक वचन को याद कर रही थी – ‘शांत रहो, और देखो कि ईश्वर तुम्हारे लिए क्या करता है।’ मैंने बस अपने आप को ईश्वर पर छोड़ दिया और उसने सब संभाला।’
उन्होंने आगे बताया, “जब मैंने भारत को जीतते देखा, तो मैं अपनी भावनाओं को रोक नहीं पाई। हरमनप्रीत दी के साथ साझेदारी बनाते समय, हमारा लक्ष्य सिर्फ एक अच्छी साझेदारी बनाना था। अंत में, मैं खुद को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही थी, लेकिन दीप्ति शर्मा ने हर गेंद पर मुझे प्रोत्साहित किया। मेरी टीम के साथियों ने भी मेरा हौसला बढ़ाया। मैं किसी भी श्रेय की हकदार नहीं हूं, यह सब ईश्वर की कृपा है।
**ऑस्ट्रेलियाई चुनौती पर भारत की विजय**
लक्ष्य का पीछा करते हुए, भारत ने शुरुआती झटके झेले, शफाली वर्मा और स्मृति मंधाना जल्दी आउट हो गईं। लेकिन जेमिमा और हरमनप्रीत की शानदार साझेदारी ने टीम को संभाला। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने कैच छोड़ने की गलतियाँ कीं, जिससे उन्हें मैच गंवाना पड़ा। हरमनप्रीत के आउट होने के बाद भी, दीप्ति शर्मा, ऋचा घोष और अमनजोत कौर ने मिलकर भारत को जीत दिलाई। अंतिम ओवरों में, अमनजोत ने विजयी चौका लगाकर भारत को फाइनल में पहुंचाया, जिससे खिलाड़ियों और समर्थकों में जश्न का माहौल बन गया।
ऑस्ट्रेलिया ने Phoebe Litchfield (119) और Ellyse Perry (77) की पारियों की बदौलत 338 रन बनाए थे, लेकिन यह स्कोर भारत की ऐतिहासिक जीत के आगे काफी नहीं था।
अब भारतीय टीम रविवार को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ फाइनल खेलेगी, जहाँ वह अपना पहला महिला वनडे विश्व कप खिताब जीतने की उम्मीद कर रही है। जेमिमा रोड्रिग्स विश्व कप नॉकआउट चरण में शतक बनाने वाली दूसरी भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं।
