ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में मिचेल स्टार्क का T20I से अचानक संन्यास, 2026 के विश्व कप से पहले टीम के तेज गेंदबाजी आक्रमण के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। वर्षों से, स्टार्क, जोश हेज़लवुड और पैट कमिंस की तिकड़ी ऑस्ट्रेलियाई पेस अटैक का पर्याय रही है, जो किसी भी बल्लेबाजी क्रम को ध्वस्त करने की क्षमता रखती थी। अब, ‘बिग थ्री’ का यह मजबूत स्तंभ बिखर चुका है।
स्टार्च ने T20I क्रिकेट में 79 विकेट झटके, जिससे वह ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों में अव्वल रहे। कुल मिलाकर, वह केवल एडम जम्पा से पीछे हैं, जिन्होंने 131 विकेट लिए हैं। स्टार्क की खास बात यह भी है कि वे उन चुनिंदा खिलाड़ियों में से थे जिन्होंने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल से पहले कभी कोई बड़ा फाइनल मैच नहीं हारा था। वनडे विश्व कप, T20 विश्व कप जैसी खिताबी जीत उनके अनुभव का प्रमाण है।
अब जब स्टार्क इस प्रारूप में नहीं हैं, तो ऑस्ट्रेलिया को उनकी कमी पूरी करनी होगी। पैट कमिंस और हेज़लवुड के साथ, कुछ युवा तेज गेंदबाज हैं जो इस खालीपन को भर सकते हैं।
स्पेंसर जॉनसन, जो स्टार्क की तरह ही बाएं हाथ से 145kph की गति से गेंदबाजी करते हैं, को स्टार्क का स्वाभाविक उत्तराधिकारी माना जा रहा था। हालांकि, पीठ में बोन स्ट्रेस की चोट ने उनकी योजनाओं पर पानी फेर दिया है। दिसंबर में बिग बैश लीग से पहले उनके मैदान पर लौटने की उम्मीद कम है, जो ऑस्ट्रेलिया के लिए एक बड़ा झटका है।
ऐसे में, नाथन एलिस का प्रदर्शन ऑस्ट्रेलिया के लिए राहत की बात है। उन्होंने 27 T20I में 18.8 के औसत और 7.84 की अच्छी इकोनॉमी रेट से 41 विकेट हासिल किए हैं। यह प्रदर्शन, विशेष रूप से भारत और इंग्लैंड जैसे आक्रामक बल्लेबाजी करने वाले देशों के खिलाफ, काफी सराहनीय है।
ऑस्ट्रेलियाई टीम उम्मीद कर रही है कि एलिस, हेज़लवुड के साथ मिलकर एक मजबूत आक्रमण का नेतृत्व करेंगे, और कमिंस के जल्द ही वापसी से टीम को और मजबूती मिलेगी। फिलहाल, हेज़लवुड, एलिस, बेन द्वारशुइस, शॉन एबॉट और जेवियर बार्टलेट जैसे गेंदबाज स्टार्क के बाद ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजी को आगे ले जाने की जिम्मेदारी संभालेंगे, खासकर जब भारत जैसे चिर-प्रतिद्वंद्वी सामने हों।
