दूसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन भारतीय सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल एक दुर्भाग्यपूर्ण रन आउट का शिकार हो गए, जिससे उनका 175 रनों का बहुमूल्य योगदान समाप्त हो गया। वेस्टइंडीज के खिलाफ दिल्ली में जारी इस मैच में, जायसवाल अपने तीसरे दोहरे शतक से मात्र 25 रन दूर थे, जब कप्तान शुभमन गिल के साथ हुई एक गलतफहमी ने उन्हें पवेलियन भेज दिया।
दिन की शुरुआत 173 रन पर नाबाद करने वाले जायसवाल ने आक्रामक खेल जारी रखा। 92वें ओवर में, उन्होंने एक रन के लिए कॉल किया, लेकिन नॉन-स्ट्राइकर छोर पर खड़े गिल ने तुरंत जवाब नहीं दिया। इस असमंजस के कारण, जायसवाल को क्रीज तक पहुंचने में देरी हुई। तेज क्षेत्ररक्षण के बाद, विकेटकीपर तेविन इमलाच ने बेल्स बिखेर दीं, और जायसवाल रन आउट हो गए।
मैदान पर जायसवाल की निराशा साफ झलक रही थी। उन्होंने गुस्से में अपना सिर पीटा और कहा, “मेरा कॉल था ना यार”, जो इस अनपेक्षित अंत से उनकी हताशा को उजागर करता है। यह रन आउट एक बड़े व्यक्तिगत मील के पत्थर से चूकने का कारण बना, क्योंकि वह अपने 13वें टेस्ट में ही तीसरा दोहरा शतक जड़ सकते थे।
इस तरह के रन आउट भारतीय क्रिकेटरों के लिए दुर्लभ होते हैं, और जायसवाल अब राहुल द्रविड़ के साथ उस सूची में शामिल हो गए हैं जो 170 के स्कोर पर रन आउट हुए। सोशल मीडिया पर फैंस ने जायसवाल के प्रति संवेदना व्यक्त की और गिल की हिचकिचाहट पर भी सवाल उठाए, जिसने एक बड़े स्कोर को रोका।
हालांकि, इस दुर्भाग्यपूर्ण अंत के बावजूद, जायसवाल की 175 रनों की पारी (256 गेंदों पर, 22 चौकों और 2 छक्कों के साथ) भारतीय टीम के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हुई। उन्होंने टीम को एक मजबूत स्थिति में पहुंचाया। 22 वर्षीय यह बल्लेबाज लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है और टेस्ट क्रिकेट में भारत के उभरते हुए सितारों में से एक है।
जब जायसवाल आउट हुए, तब भारत का स्कोर 318/2 था, जो एक मजबूत बढ़त का संकेत था। इस घटना ने हालांकि प्रशंसकों को निराश किया, लेकिन भारतीय टीम अभी भी मैच पर नियंत्रण बनाए हुए थी। जायसवाल का खेल में उत्साह और आक्रामकता भविष्य में भारतीय टीम के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।