भारतीय क्रिकेट में भ्रष्टाचार का एक और मामला सामने आया है, जिसमें टीम में जगह बनाने के लिए खिलाड़ियों से रिश्वत लेने का आरोप लगा है। रोहित शर्मा और वीरेंद्र सहवाग के कोचों ने एक स्टिंग ऑपरेशन में इस बात का खुलासा किया है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, खिलाड़ियों को रणजी ट्रॉफी जैसे घरेलू मैचों में खेलने के लिए रिश्वत देनी पड़ती है। अनुराग कुमार, रोहित सैनी और विक्की नामक तीन खिलाड़ियों के साथ ऐसा हुआ, जिनसे रणजी ट्रॉफी खेलने के लिए पैसे लिए गए।
अनुराग से 20 लाख रुपये, रोहित से 15 लाख रुपये और विक्की से 18 लाख रुपये की रिश्वत ली गई थी। खिलाड़ियों ने शिकायत दर्ज कराई तो आरोपियों ने विक्की को पैसे लौटाने का वादा किया और कुछ पैसे लौटा भी दिए, लेकिन रोहित और अनुराग को एक भी पैसा वापस नहीं मिला।
इस मामले में शामिल एक व्यक्ति ने बताया कि कैसे खिलाड़ियों को बिहार की रणजी टीम में जगह दिलाने का वादा किया गया, उनके फर्जी दस्तावेज बनाए गए और बाद में उनसे लाखों रुपये ठग लिए गए।
वीरेंद्र सहवाग के कोच एएन शर्मा ने बताया कि दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (DDCA) में चयन के नाम पर खुलकर पैसा चलता है। उन्होंने कहा कि अंडर-19 टीम में जगह बनाने के लिए 15-16 लाख रुपये तक देने पड़ते हैं। शिखर धवन के कोच मदन शर्मा ने कहा कि DDCA में चयन प्रतिभा के आधार पर नहीं होता है।
ईशांत शर्मा के कोच श्रवण कुमार ने बताया कि जिसके पास पैसा है वही क्रिकेट में आगे बढ़ सकता है। रोहित शर्मा के कोच दिनेश लाड ने बताया कि रोहित शर्मा भी इस धांधली का शिकार हो चुके हैं।
यह मामला भारतीय क्रिकेट में भ्रष्टाचार की गहरी जड़ों को उजागर करता है और खिलाड़ियों के भविष्य पर सवालिया निशान लगाता है।