उत्तराखंड की घरेलू क्रिकेट में हाल के वर्षों में काफी बदलाव आया है। भारतीय घरेलू सर्किट में कभी एक उभरती हुई टीम मानी जाने वाली टीम अब युवा खिलाड़ियों, अनुभव और एक मजबूत रणनीति के मिश्रण से लगातार आगे बढ़ रही है।
देहरादून वॉरियर्स के कोच मनीष झा के नेतृत्व में, उत्तराखंड रणजी टीम न केवल व्यक्तिगत प्रदर्शन से बल्कि सामूहिक दृढ़ता से भी सबका ध्यान खींच रही है। आकाश मधवाल जैसे खिलाड़ियों का लगातार प्रदर्शन इसका प्रमाण है, जिन्होंने आईपीएल में धूम मचा दी है। इनके साथ राजन कुमार और युवराज चौधरी जैसे उभरते हुए नाम भी हैं। इन खिलाड़ियों ने उत्तराखंड क्रिकेट को पहचान दिलाई है और राज्य के युवा क्रिकेटरों के लिए प्रेरणादायक भी बने हैं।
जब कोच मनीष झा से इस सीज़न के लिए टीम के सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बताया:
“हमारी टीम में युवराज चौधरी और देवेंद्र बोरा हैं, जिन्होंने पिछले सीज़न में अच्छा प्रदर्शन किया था। उन्होंने भारत अंडर-23 कैंप में भी हिस्सा लिया था। संस्कार रावत, जिन्होंने पिछले सीज़न में शानदार प्रदर्शन किया। हमारे पास नवीन सिंह हैं, जो पिछले दो सीज़न से राजस्थान रॉयल्स के लिए नेट बॉलर रहे हैं। हमारे पास ऐसे चार-पांच खिलाड़ी हैं जो बड़े मंचों पर आते-जाते रहते हैं। हम चाहते हैं कि ये खिलाड़ी अपने अनुभव को युवा खिलाड़ियों के साथ साझा करें और जरूरत पड़ने पर टीम को मुश्किलों से निकालने में मदद करें।”
यह स्पष्ट है कि टीम किसी एक स्टार खिलाड़ी पर निर्भर नहीं है, बल्कि कई प्रतिभाशाली खिलाड़ियों पर निर्भर है, जो बड़े मंचों पर अपनी पहचान बना रहे हैं। उदाहरण के लिए, संस्कार रावत को लें, जिन्होंने पिछले सीज़न में बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया और मध्यक्रम को स्थिरता दी। देवेंद्र बोरा की उपस्थिति और अंडर-23 इंडिया कैंप का अनुभव टीम को और मजबूत बनाता है। नवीन सिंह ने राजस्थान रॉयल्स के साथ नेट बॉलर के रूप में दो सीज़न बिताए हैं, जिससे राज्य टीम को बहुत कुछ सीखने और अनुभव करने का मौका मिला है।
इस संतुलित टीम और कोच की अच्छी रणनीति के साथ, देहरादून वॉरियर्स सुरक्षित हाथों में है। आगे का रास्ता लंबा है, लेकिन संकेत अच्छे हैं। अगर सब कुछ ठीक रहा, तो जल्द ही पहाड़ के और भी खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाएंगे।