पूर्व भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी ने एमएस धोनी की कप्तानी के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम के अंदर की संस्कृति पर सवाल उठाते हुए कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने खुलासा किया है कि टीम के अंदर हुक्का पीने का चलन था और इन आयोजनों में केवल धोनी के करीबी खिलाड़ी ही शामिल होते थे।
तिवारी का यह बयान इरफान पठान के पहले के आरोपों के बाद आया है, और कई अन्य पूर्व क्रिकेटरों ने भी धोनी की कप्तानी में पक्षपात की बात कही है, जिनमें योगराज सिंह का नाम भी शामिल है।
‘इनसाइडस्पोर्ट’ से बात करते हुए तिवारी ने खुलकर कहा, “हमने इसे खुद देखा है। कई बार हुक्का पीने के सत्र होते थे, और केवल कप्तान के करीबी खिलाड़ी ही वहां मौजूद होते थे। हर कोई जानता था कि कप्तान के करीब रहने से टीम में जगह पक्की करने का बेहतर मौका मिलता है।”
घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के बावजूद, तिवारी का अंतरराष्ट्रीय करियर छोटा रहा। उन्होंने 12 वनडे और 3 टी20आई मैच खेले। उन्होंने अपने छठे वनडे मैच में एक यादगार शतक बनाया, लेकिन जल्द ही उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया।
तिवारी ने बताया कि इन आयोजनों में शामिल होना स्वैच्छिक था, लेकिन यह एक रणनीति का हिस्सा था। “यह जरूरी नहीं था कि हर कोई वहां मौजूद हो। केवल वही खिलाड़ी जाते थे जो जानते थे कि हुक्के का कमरा खुला है। वे जानते थे कि कप्तान के करीब कौन है और उसी के अनुसार अपनी जगह बनाते थे।”
उन्होंने आगे कहा, “ये चर्चाएँ गुप्त नहीं थीं, लेकिन सार्वजनिक भी नहीं थीं। अगले दिन, बात फैल जाती थी, और बाकी लोग जान जाते थे कि क्या हुआ। यह एक खुला रहस्य था, लेकिन हर किसी को निमंत्रण नहीं मिलता था।”
धोनी ने पांच साल पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था, लेकिन वह आज भी भारतीय क्रिकेट में एक प्रभावशाली और सम्मानित व्यक्ति हैं।