क्रिकेट और मैच फिक्सिंग का गहरा रिश्ता रहा है। कई बड़े खिलाड़ी पहले भी इसमें फंस चुके हैं। अब एक बार फिर मैच फिक्सिंग का मामला सामने आया है, जो बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) के ढाका प्रीमियर लीग के पिछले सीज़न से जुड़ा है। इस मामले में एक खिलाड़ी पर 5 साल का प्रतिबंध लग सकता है। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई (ACU) ने इस खिलाड़ी के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की है।
बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई (ACU) ने बल्लेबाज मिन्हाजुल आबेदीन सब्बीर पर ढाका प्रीमियर लीग (DPL) में मैच फिक्सिंग के आरोपों के कारण कम से कम पांच साल का प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। यह विवाद ढाका प्रीमियर लीग 2025 के एक मैच से जुड़ा है, जो शाइनपुकुर क्रिकेट क्लब और गुलशन क्रिकेट क्लब के बीच खेला गया था। इस मैच में दो अजीबोगरीब आउट होने के तरीके ने सभी का ध्यान खींचा। सलामी बल्लेबाज रहीम अहमद को बिना कोई प्रयास किए स्टंप आउट कर दिया गया। लेकिन सबसे ज्यादा संदेह तब हुआ जब सब्बीर ने 44वें ओवर में जानबूझकर स्टंपिंग का मौका दिया। इस अजीबोगरीब तरीके से आउट होने के बाद मैच फिक्सिंग की आशंका बढ़ गई।
BCB की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई ने इस मामले की गहन जांच की और पाया कि सब्बीर ने BCB के भ्रष्टाचार निरोधक कोड के कई नियमों का उल्लंघन किया। जांच में यह भी सामने आया कि सब्बीर संदिग्ध सट्टेबाजों के संपर्क में थे और उन्होंने बोर्ड को इसकी जानकारी नहीं दी, जो कोड के तहत एक गंभीर उल्लंघन है। ACU ने अपनी रिपोर्ट में कम से कम पांच साल के प्रतिबंध की सिफारिश की है, जिसमें आठ से दस साल तक की सजा की संभावना भी शामिल है। अब यह मामला BCB के भ्रष्टाचार निरोधक ट्रिब्यूनल को सौंपा गया है, जो अंतिम फैसला लेगा।
BCB ने इस मामले को क्रिकेट में भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी जीरो-टॉलरेंस नीति का हिस्सा बताया है। अधिकारियों ने इसे एक चेतावनी के रूप में देखा है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की बात कही है। ACU ने सुझाव दिया है कि घरेलू टूर्नामेंट में संचार नियमों को और सख्त किया जाए, बड़े मैचों में भ्रष्टाचार विरोधी निरीक्षक की तैनाती हो, और सट्टेबाजी बाजारों की रीयल-टाइम निगरानी की जाए। इसके अलावा, अगर सब्बीर दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें क्रिकेट में वापसी के लिए पुनर्वास कार्यक्रमों से गुजरना होगा, जिसमें युवा खिलाड़ियों को भ्रष्टाचार के खतरों के बारे में जागरूक करना शामिल है।