भारतीय फुटबॉल टीम के नए कोच खालिद जमील ने CAFA नेशंस कप 2025 के लिए 23 खिलाड़ियों की टीम घोषित कर दी है, लेकिन इसमें दिग्गज फुटबॉलर सुनील छेत्री का नाम शामिल नहीं है। इस फैसले ने प्रशंसकों को हैरान कर दिया है।
खालिद जमील ने इस महीने की शुरुआत में टीम का कार्यभार संभाला था। उन्होंने भारत के सबसे सफल फुटबॉल खिलाड़ी, सुनील छेत्री को टीम में शामिल न करने का फैसला किया है। छेत्री, जो अपने आक्रामक खेल और नेतृत्व क्षमता के लिए जाने जाते हैं, पिछले एक दशक से भारतीय फुटबॉल की रीढ़ रहे हैं। जमील ने छेत्री को टीम से बाहर करके युवा खिलाड़ियों को मौका देने का फैसला किया है।
टीम के लिए कैंप 1 अगस्त को शुरू हुआ था जिसमें 29 खिलाड़ी शामिल थे। बाद में, मोहन बागान के सात खिलाड़ियों को छोड़ने से इनकार करने के बाद टीम को 23 खिलाड़ियों तक सीमित कर दिया गया। जमील ने टीम में अनुभवी खिलाड़ियों, जैसे गुरप्रीत सिंह संधू और संदेश झिंगन, और उभरते हुए युवा खिलाड़ियों, जैसे इरफान यादवाड़ और विक्रम प्रताप सिंह, को शामिल करके एक मजबूत टीम बनाने की बात कही है।
सुनील छेत्री को टीम से बाहर करने के कई कारण हो सकते हैं:
* **लंबी अवधि की योजना:** जमील 2027 AFC एशियाई कप और उसके बाद के लिए टीम तैयार कर रहे होंगे।
* **फिटनेस और कार्यभार प्रबंधन:** छेत्री, जो 40 वर्ष के हैं, ने टीम के लिए बहुत कुछ किया है। प्रबंधन उन्हें आगामी मैचों के लिए आराम देना चाहता होगा।
* **रणनीतिक बदलाव:** जमील युवा खिलाड़ियों के साथ आक्रामक खेल खेलना चाहते हैं जो तेजी से दबाव बना सकें।
CAFA नेशंस कप में भारत का ग्रुप बी में ताजिकिस्तान, ईरान और अफगानिस्तान के साथ मुकाबला होगा। शीर्ष दो टीमें प्ले-ऑफ में पहुंचेंगी, जिसका फाइनल 8 सितंबर को ताशकंद में खेला जाएगा।
इस टूर्नामेंट में छेत्री की कमी भारतीय प्रशंसकों को खलेगी, क्योंकि वे उन्हें एक बार फिर टीम का नेतृत्व करते हुए देखना चाहते थे। छेत्री की अनुपस्थिति एक रणनीतिक बदलाव का संकेत देती है, साथ ही यह भी दर्शाती है कि भारतीय फुटबॉल को जल्द ही छेत्री के बिना आगे बढ़ना होगा।
जमील की पहली चुनौती यह होगी कि टीम अपने अनुभवी नेता के बिना कैसे अच्छा प्रदर्शन करती है। छेत्री के लिए दरवाजे पूरी तरह से बंद नहीं हुए हैं, लेकिन यह फैसला दिखाता है कि भारतीय फुटबॉल भविष्य के लिए तैयार हो रहा है।