ओवल में खेले गए मैच में भारत ने इंग्लैंड को हराकर एक ऐतिहासिक जीत हासिल की, जिससे टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे रोमांचक मुकाबलों में से एक देखने को मिला। मोहम्मद सिराज की अंतिम दिन की बेहतरीन गेंदबाजी के दम पर भारत ने इंग्लैंड को 6 रनों से हराया। इस रोमांचक जीत के साथ, सीरीज़ 2-2 से बराबर हो गई और भारत ने एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी अपने पास बरकरार रखी।
भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया अंतिम टेस्ट मैच ऐतिहासिक रहा, क्योंकि यह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास की सबसे करीबी जीत का परिणाम था।
अंतिम दिन, इंग्लैंड को जीत के लिए केवल 35 रनों की आवश्यकता थी और उनके तीन विकेट शेष थे, जिससे जीत उनकी तरफ दिख रही थी। लेकिन सिराज ने शानदार स्पेल डाला और वोक्स और एटकिंसन सहित तीन महत्वपूर्ण विकेट लिए, जिससे मैच का रुख बदल गया।
तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने लगातार पांच टेस्ट मैच खेले और अंतिम टेस्ट में बेहतरीन प्रदर्शन किया। सिराज ने कहा, “मैंने पहले बनाई गई योजना पर टिके रहने की कोशिश की और पांचवें दिन भी उसी रणनीति का पालन किया। मैंने नहीं सोचा था कि ब्रूक का कैच छूटने से खेल की तस्वीर बदल जाएगी, लेकिन उन्होंने शानदार बल्लेबाजी की और हमें दबाव में डाल दिया। परिस्थितियां आसान नहीं थीं, लेकिन मैं खुश हूं कि हमने मैच जीता। मुझे विश्वास है कि मैं अपनी टीम को हर परिस्थिति में जीत दिला सकता हूं। मुझे खुद पर भरोसा है और मैं कभी हार नहीं मानता।” सिराज ने केनिंगटन ओवल टेस्ट में कुल 9 विकेट लिए, जिनमें से 3 विकेट उन्होंने आखिरी दिन लिए। सिराज ने 5 मैचों की टेस्ट सीरीज़ में 180 से ज़्यादा ओवर फेंके।
प्रसिद्ध कृष्णा ने भी सिराज के प्रदर्शन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने पारी में चार विकेट लिए और चौथे दिन शाम को जो रूट और हैरी ब्रूक जैसे सेट बल्लेबाजों को आउट करके इंग्लैंड की जीत की गति को धीमा किया। इन झटकों के कारण इंग्लैंड की पारी लड़खड़ा गई।
चौथे दिन ऐसा लग रहा था कि भारत हार की ओर बढ़ रहा है। रूट और ब्रूक आसानी से लक्ष्य की ओर बढ़ रहे थे। लेकिन भारतीय तेज गेंदबाजों की शानदार वापसी और सिराज की शानदार गेंदबाजी ने खेल का रुख बदल दिया।
इस जीत का एक खास पहलू शुभमन गिल की कप्तानी भी थी। उन्होंने पहली बार एक पूरी टेस्ट सीरीज़ में भारत का नेतृत्व किया। भारी दबाव के बावजूद, उन्होंने गेंदबाजों का बुद्धिमानी से इस्तेमाल किया और टीम को शानदार वापसी दिलाई।
इंग्लैंड की आखिरी पारी 367 रनों पर समाप्त हुई, जिससे पता चला कि वे जीत के कितने करीब थे और फिर कैसे हार गए। 6 विकेट पर 331 रन बनाने के बाद, उन्होंने अगले 36 रनों में चार विकेट खो दिए, जो भारत के दबाव का नतीजा था।
सीरीज़ 2-2 से बराबर रही, लेकिन भारत ने मानसिक रूप से मजबूत प्रदर्शन किया। उन्होंने इंग्लैंड को घर में सीरीज़ जीतने नहीं दी और दिखाया कि वे मुश्किल परिस्थितियों में भी जीत हासिल कर सकते हैं।
ओवल में खेला गया यह मैच क्रिकेट प्रेमियों के लिए टेस्ट क्रिकेट की गहराई, रोमांच और मोहम्मद सिराज के बढ़ते प्रभाव का एक यादगार उदाहरण बना रहेगा।
इंग्लैंड ने पहले सीरीज़ में 2-1 की बढ़त हासिल की थी, लेकिन इस आखिरी टेस्ट में भारत ने ज़बरदस्त वापसी की। इस परिणाम ने भारत के लिए गौरव बचाया और युवा भारतीय टीम की क्षमता को उजागर किया, यहां तक कि वरिष्ठ खिलाड़ियों की अनुपस्थिति में भी।