बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सभी पार्टियां मतदाताओं को लुभाने के लिए रणनीति बना रही हैं। इस बीच, एनडीए ने अपने चुनावी अभियान के लिए एक नया नारा तैयार किया है: ‘विकास की रफ्तार पकड़ चुका बिहार… फिर से एनडीए सरकार’। बीजेपी सूत्रों के अनुसार, इस नारे को 30 सितंबर तक आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया जाएगा।
यह नारा, ‘विकास की रफ्तार पकड़ चुका बिहार… फिर से एनडीए सरकार’, एनडीए गठबंधन की बिहार विधानसभा चुनाव में रणनीति का हिस्सा होगा। बिहार बीजेपी के नेता, जैसे उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और प्रभारी विनोद तावड़े, सोशल मीडिया पर इस नारे का प्रचार कर रहे हैं, हालांकि आधिकारिक घोषणा का इंतजार है।
चुनाव प्रचार के लिए 245 एलईडी रथ तैयार किए गए हैं। बीजेपी का लक्ष्य है कि एनडीए सरकार के दौरान बिहार में हुए विकास, खासकर सड़क, शिक्षा, सुशासन, रोजगार और शिक्षा के क्षेत्र में हुए बदलावों को जनता तक पहुंचाया जाए। इन रथों को केंद्रीय मंत्रियों द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा और ये सभी विधानसभा क्षेत्रों में जाएंगे। ये रथ आधुनिक तकनीक से लैस होंगे और गांवों में जाकर सरकार की उपलब्धियों और वादों का प्रचार करेंगे।
बीजेपी प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने कहा कि ‘बिहार में विकास हुआ है, इसलिए एनडीए की सरकार फिर से आएगी। ये रथ एनडीए सरकार की उपलब्धियों और वादों को हर विधानसभा तक पहुंचाएंगे।’ इन प्रचार रथों में ऑडियो-विजुअल के माध्यम से एनडीए सरकार की योजनाओं, जैसे 125 यूनिट मुफ्त बिजली, बुजुर्गों और महिलाओं के लिए पेंशन वृद्धि और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में वृद्धि का प्रचार किया जाएगा।
बिहार सरकार अपने कामकाज को चुनावी हथियार बना रही है। प्रचार रथों में बिहार और केंद्र सरकार की योजनाओं का उल्लेख होगा। उदाहरण के लिए, बिहार सरकार महिलाओं के खातों में 10,000 रुपये डालने की योजना बना रही है। 17 सितंबर को, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 16 लाख श्रमिकों को 5,000 रुपये की राशि वितरित की। सरकार युवाओं को 1 करोड़ रोजगार, सभी स्नातकों को 1,000 रुपये भत्ता, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड पर ब्याज मुक्त ऋण और महिलाओं को 10,000 रुपये देने जैसी योजनाओं पर जोर देगी।
जेडीयू ने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। पहले, जेडीयू का प्रचार अभियान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इर्द-गिर्द घूमता था। इस बार, पीएम मोदी और सीएम नीतीश की तस्वीरें हैं, लेकिन मुख्यमंत्री का नाम सीधे तौर पर शामिल नहीं है।
अप्रैल में, जब नीतीश कुमार के नेतृत्व पर सवाल उठे थे, तो जेडीयू ने नारा दिया था, ’25 से 30 फिर से नीतीश’। 2020 के चुनाव में जेडीयू का नारा था ‘क्यूं करें विचार, ठीके तो है नीतीश कुमार’। 2015 में, नारा था ‘बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है’। यह देखना दिलचस्प होगा कि एनडीए के इस नए नारे पर जेडीयू की क्या प्रतिक्रिया होती है।